हाईकोर्ट ने कहा: व्यक्ति विशेष के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने नहीं दिया कोई आदेश, समाज कल्याण विभाग में गड़बड़ी का मामला...
पूर्व आईएएस बीएल अग्रवाल, सतीश पांडेय की रिव्यू पिटीशन कोर्ट ने किया खारिज
बिलासपुर। समाज कल्याण घोटाला मामले में कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट ने किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश नहीं दिया है। हालांकि इस मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव ने अपने शपथपत्र में अनियमितताओं को स्वीकार किया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सीबीआई को प्रकरण की जांच करने के पश्चात दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
ज्ञात हो कि कल इस मामले में रिव्यू पिटीशन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमने किसी अफ सर विशेष के खिलाफ एफआईआर के आदेश नहीं दिए हैं। कोर्ट ने आगे कहा है कि हमारे समक्ष यह बात आई भी नहीं है कि गड़बड़ी में किसकी क्या भूमिका रही है। कोर्ट ने प्रकरण में आर्थिक गड़बड़ी की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिए हैं। ऐसा करने का कोर्ट को संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की बैंच ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता अपने खिलाफ एफ आईआर का आदेश होने की आशंका के चलते आये है जबकि पूर्व के आदेश में ऐसा कुछ नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि मुख्य सचिव ने खुद अपने शपथ पत्र संस्थान में अनियमितताओं को स्वीकारा है। ऐसे में सीबीआई को प्रकरण दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं। यह भी कहा है कि सीबीआई को यह भी आदेश दिया गया है कि किसी निर्देश की जरूरत पड़ती है तो न्यायालय मार्गदर्शन भी देगा।