छत्तीसगढ़ के बस्तर में अनुकूल माहौल के कारण मौजूद हैं पक्षियों की 325 प्रजातियां , जाने पूरी खबर
बस्तर में 325 से अधिक पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं और यहां का वातावरण तथा अनुकूल वातावरण पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित भी करता है। बस्तर की इन पर्यावरणीय विशेषताओं को देखते हुए पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के पक्षियों सहित सभी प्रकार के पक्षियों के लिए यह क्षेत्र उपयुक्त है। विशेषज्ञों ने बताया कि बस्तर की जलवायु पक्षियों के लिए अत्याधिक अनुकूल है। इसी कारण मलाबार ट्रोगन जैसा ग्रीष्मकालीन प्रवासी पक्षी जो वेस्टर्न घाट पर देखा जाता है, यह पक्षी बस्तर के जंगलों में प्राय: समूचे वर्ष देखने मिलता है।
उल्लेखनीय है कि जुलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जेडएसआई) ने भी यह स्वीकार किया है कि बस्तर जिले में ही पक्षियों की 325 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं। इनमें से कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी सम्मिलित हैं। इस संबंध में किए गए सर्र्वेक्षण में यह पता चला है कि सुदूर साइबेरिया सहित अन्य देशों से ठंड में दक्षिण भारत आने वाले पक्षियों के लिए पड़ाव के रूप में बस्तर दिखता है और यहां के मैदानी इलाकों के तालाबों में इन्हें देखा गया है। यह दुर्भाग्यजनक तथ्य है कि बस्तर में पक्षियों के लिए अनुकूल वातावरण व जलवायु सहित अन्य सभी सुविधायें प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं और अभी तक इनके संरक्षण के लिए कोई भी पक्षी अभयारण्य नहीं बन सका है। इस दिशा में कोशिश किए जाने की आवश्यकता है। इस सिलसिले में मुख्य वन संरक्षक एके श्रीवास्तव ने बताया कि बस्तर के जंगलों में कई तरह की पक्षियों की मौजूदगी देखी गई है। बर्ड सेंचुरी अथवा अभयारण्य की योजना की जानकारी नहीं है।