डिलीवरी के बाद बढ़े वजन को कम करेंगे ये 5 योगासन, कई और परेशानियां होंगी कम
महिलाओं के जीवन में मां बनने के बाद काफी कुछ बदलाव आता है. यह बदलाव शारीरिक और मानसिक दोनों रूप में होते हैं. प्रेग्नेंसी की परेशानियों से बाहर निकलने के बाद नवजात की तरह मां की देखभाल की भी जरूरत होती है. डिलीवरी के बाद महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस, कमर के आसपास दर्द होना और गर्भावस्था के दौरान वजन का बढऩा जैसी समस्याएं नजर आने लगती हैं. इन समस्याओं से निपटने के लिए पोषण युक्त आहार के साथ-साथ कुछ योगासन की भी जरूरत होती है. आइए आपको बताते हैं इन योगासनों के बारे में जिकी मदद से डिलीवरी के बाद महिलाएं अपना वजन कम कर सकती हैं.
पश्चिमोत्तासन आपके कमर की चर्बी को कम करने में मदद करेगा. इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी गलती है और शरीर में रक्तप्रवाह का सुधार होता है. पश्चिमोत्तासन वजन कम करने में भी मदद करता है.
हलासन
हलासन एक बेहतरीन योगाभ्यास है. इस आसन का अभ्यास करना थोड़ा मुश्किल तो है लेकिन बहुत ही लाभकारी है. हलासन का अभ्यास कमर, हिप्स और पेल्विक एरिया के लिए बहुत ही अच्छा होता है. यह योगासन शरीर को लचीला बनाने के साथ-साथ वजन भी कम करता है. इसके अभ्यास से त्वचा में भी निखार आता है.
भुजंगासन
भुजंगासन का अभ्यास पेट को मजबूत बनाता है. इस आसन को करने के लिए पहले पेट के बल लेट जाएं और अपनी हथेलियों को अपने कंधे की सीध में लेकर जाएं. इस दौरान अपने दोनों पैरों के बीच की दूरी को कम करें. साथ ही पैर को सीधा तथा तना हुआ रखें. अब सांस भरते हुए शरीर के अगले हिस्से को नाभि तक उठाएं.
अनुलोम-विलोम
डिलीवरी के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम आपके मन-मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करता है. यह आपकी मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. साथ ही यह श्वसन तंत्र को सुदृढ़ करता है.
वीरभद्रासन
यह मुद्रा आपकी पीठ को खींचती है और आपकी जांघों, नितंब और पेट को टोन करती है. यह आपके मध्य भाग से वसा को जलाने में मदद करेगा. इसे करने के लिए सीधे तनकर खड़े हो जाएं. अब अपने दाएं पैर को 2 से 4 फीट तक आगे ले जाएं. दाएं घुटने को हल्का-सा मोड़ दें और इस बात का ध्यान रखें कि बायां पैर सीधा हो तथा उसका तलवा जमीन के साथ लगा हो. गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर करें. कंधों को आरामदायक स्थिति में रहने दें और दोनों कानों को अपने कंधे के पास न आने दें. फिर सांस धीरे-धीरे छोड़ते हुए पूर्वावस्था में आ जाएं. इस प्रकिया को बाएं पैर से भी दोहराएं.