क्या है फेसलेस ई-असेसमेंट, नई व्यवस्था से टैक्सपेयर्स को क्या होगा फायदा...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फेसलेस ई-असेसमेंट सर्विस की शुरुआत की। यह सर्विस 25 सितंबर से देश भर में शुरू हो जाएगी। उन्होंने 'ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन- ईमानदारों के लिए सम्मान' प्लेटफॉर्म का लॉन्च करते समय कहा कि इससे टैक्स सिस्टम सरल और पारदर्शी बनेगा।
क्या है फेसलेस ई-असेसमेंट सर्विस : फेसलेस ई-असेसमेंट सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाएगा। इसके तहत टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स अधिकारी के सामने या उसके ऑफिस जाने की आवश्यकता नहीं होगी। टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस के लिए भी आयकर विभाग या चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास नहीं जाना होगा।
पारदर्शिता बढ़ेगी : नई व्यवस्था पूरी तरह फेसलेस और पारदर्शी होगी। इसमें करदाता और कर अधिकारी दोनों को ही एक-दूसरे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी। इससे न सिर्फ कर व्यवस्था में सरकारी हस्तक्षेप कम होगा बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम कसी जा सकेगी।
सरकार ने क्यों लागू की यह स्कीम : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में बजट पेश करते हुए फेसलेस असेसमेंट स्कीम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि स्क्रूटनी की मौजूदा व्यवस्था में करदाता और विभाग के बीच आमने-सामने बात करने की काफी जरूरत पड़ती है। यह करदाताओं के लिए असुविधा का कारण बनता है। इसे खत्म करने के लिए फेसलेस असेसमेंट स्कीम लाने की तैयारी है।
तालमेल भी बेहतर होगा : फेसलेस ई-असेसमेंट की नई व्यवस्था से करदाताओं और इनकम टैक्स विभाग के बीच तालमेल भी बेहतर होगा। सॉफ्टवेअर से असेसमेंट होने से ज्यादा लोग टैक्स भरने के लिए प्रेरित होंगे। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।