चीन को एक और बड़ा झटका, भारत आएगी एप्पल की आठ यूनिट
नई दिल्लीर।चीन ने दुनिया को कोरोना के रूप में ऐसी महामारी दी कि दुनिया में उसके खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। इसके साथ ही वह कोरोना काल में अपने पड़ोसियों के खिलाफ विस्तािरवादी नीति अपना रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है। ऐसे में अभी तक विश्वि के कई बड़े ब्रांडों ने चीन से अपना बिजनेस समेटना शुरू कर दिया है, जिसमें से एप्पभल भी एक है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को कहा कि वैश्विक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र यह महसूस कर रहा है कि उनके पास चीन के अलावा अन्य स्थान भी होने चाहिए। भारत एक बड़े विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि । एक महत्वपूर्ण तरीके से भारत में बदलाव कर रहा है, सैमसंग पहले ही आ चुका है और वे आगे भी विस्तार चाहते हैं। मुझे बताया गया है कि । एप्पल के लगभग आठ कारखाने चीन से भारत में स्थानांतरित हो गए हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, जब हम 2014 में सत्ता में आए थे, तब भारत में केवल दो मोबाइल कारखाने थे, अब इसकी संख्या 250 को पार कर गई है। हमने उत्पादन को बढ़ाने के लिए और प्रोत्साहन के साथ आत्मनिर्भर भारत को लॉन्च किया। हमने वैश्विक कंपनियों को भारत आने के लिए और भारतीय कंपनियों को भी आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि चीन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक कदम को अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मान्यता दी है। जब लद्दाख में चीन के साथ कुछ हुआ तो हमारे पीएम मजबूती से खड़े हुए दिखाए दिए और यह स्पष्ट किया कि भारत अपनी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत के इस साहसिक रुख को विश्व स्तर पर अमेरिका, ब्रिटेन और जापान से सराहा है।