सेना ने आतंकी से यूं कराया आत्मसमर्पण- आ जा छोटू, कोई फायर नहीं करेगा
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की अक्सर खबरें आती रहती हैं। सुरक्षाबलों ने आतंकवाद को जड़ से मिटाने का अभियान शुरू किया है, जिसके मद्देनजर लगातार ऑपरेशन किए जा रहे हैं। लेकिन आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों के जवान उन्हें सरेंडर करने का भी मौका एक बार जरुर देते हैं। अगर सामने से आतंकी ने उनकी बातों को नजर अंदाज करते हैं और हमला करते हैं तो उसका माकूल जवाब सुरक्षाबल के जवान भी देते हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को बडगाम के चंडूरा में देखने को मिला। जहां पर सुरक्षाबलों के जवानों ने एक आतंकी को समझा-बुझाकर सरेंडर करा लिया। इस दौरान कैसे सुरक्षाबल के जवान ने आतंकी को मनाया अपनी बातों में और उसे कैसे समझया कि उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
दरअसल मध्य कश्मीर के बडगाम में हुए मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को हथियार समेत सरेंडर कराने में कामयाब रहा। इस दौरान आतंकी के पास से स्वचालित राइफल भी मिला। इस दौरान दूसरा आतंकी वहां से भाग निकला। आतंकी को सरेंडर कराने के लिए सुरक्षाबल का एक जवान आगे आया और उसे भरोसा दिलाया कि उसके उपर कोई हमला नहीं होगा। उसके बाद जवान ने फिर से कहा कि छोटू इधर आजा, कोई फायर नहीं करेगा। अपना कपड़ा पहन लो और हाथ उपर कर लो। इस घटना का पूरा वीडियो सामने आया है। आतंकवादी सिर्फ पतलून पहने है और बाग से बाहर निकल रहा है। सेना का जवान अपने साथियों से उसके लिए पानी लाने को भी कहता है और फिर उसे पानी पिलाया जाता है।
जीओसी 15 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि उन्हें खुशी महसूस हुई कि बलों ने उन्हें जीवित पकड़ा और एक जीवन बचा लिया।
13 अक्टूबर को जहांगीर भट लापता हो गया था। परिवार उसका पता लगाने की कोशिश कर रहा था। उसके बारे में जानकारी मिलने के बाद प्रोटोकॉल के अनुसार, भारतीय सेना ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए समझाने का प्रयास किया और वह मान गया। जब सेना भट को आत्मसमर्पण के लिए समझा रही थी तो उसके पिता भी वहां पर मौजूद थे।
भारतीय सेना आतंक की भर्ती को रोकने के लिए प्रयास जारी रखती है और युवाओं के आतंक में शामिल होने के मामले में वापस आने के लिए विकल्प प्रदान करती है। यह केंद्र शासित प्रदेश में सबसे दुर्लभ आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है, जिसमें आतंकी ने आत्मसमर्पण किया।