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क्या आपके बच्चो को भी सताते है बुरे सपने... क्या करें पेरेंट्स

क्या आपके बच्चो को भी सताते है बुरे सपने... क्या करें पेरेंट्स
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कई बार बच्चों को जब ठीक से नींद नहीं आती या वे किसी ऐसे दौर से गुजर रहे होते हैं जो उनके उम्र के हिसाब से ठीक नहीं तो आप अपने आस-पास पते हैं कि बच्चा काफी असहज महसूस करता है। बच्‍चों को भी बुरे सपने बहुत सताते हैं। चूंकि, बच्‍चे नादान होते हैं इसलिए उन्‍हें इस मुसीबत से लड़ने का तरीका भी पता नहीं होता है। बुरे सपनों की वजह का आज तक पता नहीं चला है। संभवतः बच्चों को बुरे सपने इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें किसी चीज से डर लगता है या तनाव महसूस करते हैं। अध्ययनों के अनुसार उन्हीं बच्चों को ज्यादा बुरे सपने आते हैं, जो हाइपरएक्टिव हैं, पढ़ाई में कमजोर हैं या बहुत ज्यादा गुस्सैल हैं। इसके अलावा यह भी पता चला है कि जिन बच्चों को सोने में तकलीफ होती है, आर्थिक परेशानी है, घर का माहौल सही नहीं है और एकाएक उनके जीवन में कोई बुरी दुर्घटना हो गई है तब बुरे सपने आ सकते हैं।
बच्चों को बुरे सपने आने के लक्षण
बच्चे को सपने में दर्द, खौफ, तनाव और स्ट्रेस होता है।
बच्चा बुरे सपने के कारण अचानक नींद से बीच रात उठ जाता है।
बच्चा बुरे सपने की सारी डिटेल्स बता सकता है।
बच्चा यदि सपने में ज्यादा उग्र, गुस्सा हो जाता है तो उसे डाॅक्टर के पास लेकर जाएं। बच्चा अपने बिस्तर पर जाने से डरने लगे, तो डाॅक्टर को दिखाएं। दिनों दिन उसके सपने बद से बदतर होते जा रहे हैं, तो लापरवाही न करें। यहां तक सपनों के कारण बच्चा दिन में डरा रहता है।

डाॅक्टर बच्चे की पूरी जांच करते हैं। इस दौरान उससे कुछ सवाल पूछते हैं जैसे-
सपना किस समय आता है
सपना किससे संबंधित है
दिन के दौरान नींद में भी क्या वही डरावने सपने आते हैं
भयानक समय के दौरान लक्षणों का नजर आना
बुरे सपने के दौरान बच्चे की एक ही जैसी एक्टिविटी का होना।
कहते हैं सपने अक्सर हमारे साथ हो रही घटनाओं पर आधारित होते हैं। समय के साथ-साथ बच्चे में बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं। अगर यह पता चले कि बच्चे को आ रहे बुरे सपने उसे साइकोलॉजिकली और न्यूरोलॉजिकली प्रभावित नहीं करेंगे तो आप उसके बुरे सपनों को कुछ इस प्रकार कम कर सकती हैं। बच्चे को बुरे सपने से छुटकारा दिलाना है, तो उसके सोने का समय फिक्स करें। यदि बच्चा 3 से 5 साल के बीच का है, तो वह कम 10 से 13 घंटे की नींद जरूर ले। 6-13 साल के बच्चों को 9 से 12 घंटे की नींद और किशोर यानी 14-17 साल के बच्चों को 8 से 10 घंटे की नींद आवश्यक है। बिना रुकावट नींद लेना बच्चे के बुरे सपने को रोक सकता है।
 


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