अगले 5 साल में आधे भारत के पास होगा जियो का सिम, मुकेश अंबानी उठा सकते हैं बड़ा कदम
नईदिल्ली। रिलायंस जियो के सहारे डिजिटल किंग बनने की राह पर चल पड़े मुकेश अंबानी जल्द ही इसके लिए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानि आईपीओ ला सकते हैं। वहीं जियो इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो 5 साल बाद यानि 2025 तक तकरीबन 50 फीसदी मोबाइल यूजर्स जियो की सेवाओं का इस्तेमाल करेंगे। उस दौरान तक रिलायंस जियो के पास करीब 50 करोड़ ग्राहक होंगे। ये बातें बर्न्सटेन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कही है।
बर्न्सटेन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगले कुछ साल के अंदर मुकेश अंबानी जियो के लिए आईपीओ ला सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार तकतब जियो का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर में और सुधार होगा। वहीं अगले 3 साल में जियो का सर्विस रेवेन्यू बढ़कर दोगुना हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार आगे भी कुछ दिग्गज कंपनियों की निगाहें जियो पर हैं। आगे और भी निवेश आ सकते हैं। इस पैसों से आरआईएल को डेट फ्री कंपनी बनने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में हमने अपने लास्ट अपडेट में रिलायंस जियो को भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री का नया बादशाह बताया था। इसके बाद हमने कई विदेशी निवेशकों को इसमें निवेश करते हुए देखा है। विदेशी कंपनियों को भी जियो में बड़ी उम्मीद दिख रही है।
विदेशी कंपनियों द्वारा जियो में निवेश की शुरूआत फेसबुक से हुई। सबसे पहले फेसबुक ने इसमें 43,573.62 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का एलान किया। इसके बाद 8 प्राइवेट इच्टिी निवेशकों ने इसमें 60,753.33 करोड़ रुपये का और निवेश किया। जियो में 8 हफ्ते के अंदर 1.04 लाख करोड़ का निवेश आया। इसके बदले जियो ने 22 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेची।
बर्न्सटेन का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 तक जियो के 50 करोड़ से ज्यादा मोबाइल सब्सक्राइबर हो जाएंगे। वित्त वर्ष 2019-20 में इनकी संख्या 38.8 करोड़ थी। वित्त वर्ष 2024-25 तक इसका सब्सक्राइबर बेस 56.9 करोड़ तक पहुंच जाने के आसार हैं। चालू वित्त वर्ष में जियो की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी हो जाने की उम्मीद है। बीते वित्त वर्ष के दौरान यह 36 थी। वित्त वर्ष 2024-25 तक यह हिस्सेदारी 48 फीसदी हो जाने के आसार हैं।