छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

मायावती का बड़ा एक्शन: 7 बागी नेताओं को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

 मायावती का बड़ा एक्शन: 7 बागी नेताओं को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता
Share

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा में बगावत सामने आने के बाद से सियासत गरमाई हुई है। राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले सात विधायकों को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने निलंबित कर दिया है। बसपा ने विधायक असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती), असलम अली (ढोलाना-हापुड़), मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद), हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज) , हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर), सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर) और वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़) को पार्टी से निलंबित किया गया है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने विधायकों के निलंबन का ऐलान किया।
 

दरअसल, एक दिन में बसपा के 7 विधायक बागी हो गए और समाजवादी पार्टी के खेमे में चले गए। इसके बाद बसपा बैकफुट पर आ गई लेकिन उसने अपने प्रत्याशी का नामांकन किसी तरह बचा लिया और अब उसका निर्विरोध राज्यसभा जाना तय हो गया है। उधर मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है कि भविष्य में होने वाले किसी भी एमएलसी चुनाव में बसपा सपा प्रत्याशी के खिलाफ ही वोट करेगी, चाहे उसे भाजपा या अन्य किसी पार्टी का ही समर्थन क्यों न करना पड़े। मायावती ने साथ ही साथ लोकसभा चुनाव के दौरान हुए सपा बसपा गठबंधन के कदम को भी बड़ी गलती कहा है। 
 

लोकसभा चुनाव के बाद बदला सपा का रुख-
मायावती ने कहा है कि हमारी पार्टी ने कम्युनल फोर्सेज से लड़ने के लिए लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। लेकिन उनकी पारिवारिक कलह के चलते वो बसपा के साथ गठबंधन से ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर सके। चुनाव के बाद उन्होंने हमें रिस्पांड करना बंद कर दिया और हमने उनसे अलग होने का फैसला किया।

सपा चीफ कहते रहे जून, 1995 का केस वापस लेना चाहिए-
मायावती ने कहा कि मैं ये बताना चाहती हूं कि जब हमने सपा के साथ लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया। हमने इस पर काफी मेहनत की लेकिन पहले दिन से ही हमारे गठबंधन के सपा चीफ एससी मिश्रा से कहते रहे कि जब बसपा और सपा ने हाथ मिला ही लिया है, उन्हें जून 1995 का केस वापस ले लेना चाहिए।

जब हमने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी का बर्ताव हमारी तरफ देखा तो हमें महसूस हुआ कि उनके खिलाफ 2 जून 1995 का केस वापस लेने में हमने बड़ी गलती कर दी है। हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था. इस पर हमें और गहनता से सोचना चाहिए था। 

सपा को हराने में झोंकेंगे पूरी ताकत-
मायावती ने कहा कि हमने फैसला किया है कि यूपी में भविष्य में होने वाले विधानपरिषद चुनावों में सपा प्रत्याशी को हराने के लिए हम पूरी ताकत झोंकेंगे, चाहे हमें भाजपा प्रत्याशी या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को ही वोट क्यों न देना पड़े, हम देंगे।

Share

Leave a Reply