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इन आटों से बनी रोटियां सर्दियों में हैं फायदे मंद : जानिए क्या हैं खास बात

इन आटों से बनी रोटियां सर्दियों में हैं फायदे मंद : जानिए क्या हैं खास बात
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अक्सर हम खाने में अलग अलग सब्जिया पसंद करते है। मौसम के हिसाब से भी सब्जियां हमे पसंद होती हैं , लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं की यदि सर्दी के दिनों में अगर रोटियां भी अलग -अलग आटे की मिल जाए जो शरीर को गर्म करने में सहायता करे , तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही आटो के बारे में जो शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं। हर सीजन में हम गेंहू के आटे का उपयोग करते हैं, लेकिन सर्दियों के दिनों में हम दूसरे पोषक तत्वों से भरे आटे की रोटियां भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यहां जानें इन रोटियों को खाने से शरीर को कितनी ताकत मिलती है। विंटर सीजन में लोग तमाम तरह के वायरल और संक्रमण का शिकार होते हैं। इस मौसम में होने वाली बीमारियों से बचना है तो हमें अपना इम्युन सिस्टम मजबूत रखना होगा। क्योंकि मौसमी बुखार या एलर्जी हो या फिर आम वायरल हमें इन संक्रमणों से लड़ने के लिए एक मजबूत इम्युन सिस्टम की आवश्यकता होती है। लिहाजा इस सीजन में हमें अपनी डाइट का खास ख्याल रखना जरूरी है। हर सीजन में हम गेंहू के आटे का उपयोग करते हैं, लेकिन इन दिनों इसके अलावा हम दूसरे पोषक तत्वों वाले आटे के व्यंजनों को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन आटों से बनी चपातियां न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि इनसे आपका इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत रहता है। आज हम आपको 6 प्रकार के आटे के बारे में बता रहे हैं जिनकी चपातियों के अलावा भी कई व्यंजन तैयार किए जा सकते हैं।

इम्युन सिस्टम बूस्ट करता है बाजरे का आटा
फाइबर और पोटेशियम से भरपूर, बाजरा एक ऐसा आटा है जिसका सेवन सर्दियों के मौसम में तमाम भारतीय परिवारों के लोग करते हैं। इस आटे का प्रयोग वो लोग करते हैं जो गेंहू के आटे का सेवन नहीं कर सकते हैं। बाजरा ओमेगा -3 और आयरन का भी अद्भुत स्रोत है। आप इस आटे की न सिर्फ चपातियां बनाकर सर्व कर सकते हैं बल्कि उत्तपम, दलिया और खिचड़ी भी बना सकते हैं। बाजरा आपकी केवल पाचन क्रिया को तो दुरुस्त रखता ही है साथ ही कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है। लस मुक्त (gluten-free) बाजरा खाने से शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है क्योंकि ये ऊर्जा एक बहुत अच्छा स्त्रोत है। वजन घटाने के लिए भी आप बाजरे के आटे का उपयोग कर सकते हैं। दरअसल, बाजरा खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

पाचन क्रिया में सुधार के अलावा ये हैं ज्वार के आटे के फायदे
ज्वार एक लस मुक्त (gluten-free) आटा है जो पाचन में सुधार करता है। इसके सेवन से शरीर में शुगर का लेवल नियंत्रित करता है। दिल के मरीजों के लिए भी ज्वार का आटा अत्यंत लाभकारी है। बाजरा की तरह ज्वार भी शरीर में शक्ति प्रदान करता है और थकान को दूर करता है। इसके सेवन से शरीर में जलन, मोटापा, गैस, घाव और बवासीर जैसी शिकायतें नहीं होती हैं। ज्वार की रोटियों के अलावा आप इसके आटे से उपमा, डोसा और यहां तक कि पेनकेक्स भी तैयार कर सकते हैं। इसके सेवन से भी इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है।

बाल बढ़ाने के लिए करें कंगनी के आटे वाले व्यजंनों का सेवन
कंगनी को फॉक्सटेल बाजरा के रूप में भी लोग जानते हैं। सर्दियों के दौरान इसका सेवन आपके लिए कई तरह से लाभकारी हो सकता है। विटामिन बी 12 से समृद्ध कंगनी दिल और तंत्रिका तंत्र यानी नरवस सिस्टम के सुचारू संचालन यानी स्मूद फंक्शनिंग को सुनिश्चित करता है। बाल बढ़ाने के लिए इस खाने को खाने की सलाह दी जाती है। फॉक्सटेल बाजरा आसानी से पक जाता है। इसका उपयोग भी रोटी, दलिया, पुलाव, खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है।

लजीज ही नहीं लाभकारी भी है मक्के का आटा
सर्दियों के सीजन में मक्की की रोटी और सरसों का साग एक परफेक्ट कॉम्बिनेशन वाला भोजन है। इस आटे का इस्ततेमाल खास तौर से सर्दियों में ही किया जाता है। मक्का विटामिन ए, सी, के, बीटा-कैरोटीन और सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों का भंडार है। एनीमिया के रोगियों के लिए मक्की लाभकारी अनाज है क्योंकि यह आयरन युक्त है। सरसों का साग एक मौसमी व्यंजन है। यह खाने में तो लजीज है ही साथ ही इसके सेवन से इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है।

वजन घटाने के लिए बेहतर है रागी का आटा
विंटर सीजन में रागी का सेवन भी लाभकारी होता है। वजन घटाने के लिए रागी के आटे का सेवन बेहद प्रभावी है। यह आटा कैल्शियम से भरपूर है और जल्दी डाइजेस्ट भी हो जाता है। मधुमेह यानी डायबटिक मरीजों के लिए रागी के सेवन की सलाह दी जाती है। आप इसे दूसरे आटे के साथ भी मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं। बहुत कम भारतीय इसके फायदों और पोषण संबंधी मूल्य के बारे में जानते हैं। फाइबर युक्त रागी के व्यंजन एनीमिया मरीजों के लिए लाभकारी हैं।

कुट्टू के आटे का सेवन
कुट्टू के आटे का प्रयोग ज्यादातर नवरात्रि और भी तमाम तरह के व्रतों में किया जाता है। कुट्टू को buckwheat के नाम से भी जाना जाता है। इसमें विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) और विटामिन बी (नियासिन) भी होता है। पराठा और पूरियों से लेकर डोसा और पैनकेक तक, कुट्टू का आटा कई व्यंजनों को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कुट्टू के आटे से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं नहीं होती हैं। इसके अलावा कुट्टू में मौजूद फाइबर और मैग्नीशियम शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है।


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