गौशाला में 15 दिन में भूख से 20 गायों ने तोड़ा दम..
गुना : बैरसिया की बसई स्थित गौशाला की तरह ही जनपद पंचायत गुना की बरखेड़ा गिर्द की शांति गौशाला में 15 दिन के भीतर 14 गायों ने भूख से दम तोड़ दिया है। उधर बिलोनिया की गौशाला में चारा और भूसा न मिलने की वजह से सात गायों की मौत हो चुकी है।
गायों की मौत के बाद शवों को एक गहरे गड्ढे में डाल मिट्टी डाल दी गई। जनपद सीईओ गुना का कहना है कि मृत गायों का डॉक्टरों द्वारा पीएम किया गया है। पशु विभाग के डॉक्टरों की रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा, लेकिन इसके उलट पशु विभाग के उपसंचालक ने कहा कि जनपद सीईओ और गौशालाओं के द्वारा उन्हें गायों की मौत को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई है, तो पीएम कैसे किया होगा। जब इस बात की सूचना कलेक्टर को दी गई, तो उन्होंने एक विशेष जांच दल गठित कर दिया है।
जिले की सरकारी गौशालाओं में गाय भूख से दम तोड़ रही हैं। गौशाला संचालक शवों को खुले में डाल देते हैं। ऐसे में शवों को दूसरे जानवर तक खा रहे हैं। लेकिन जनपद पंचायत द्वज्ञक्रा कोई कार्रवाई गोशाला संचालक के खिलाफ नहीं की जा रही है। बरखेड़ा गिर्द की शांति गौशाला का संचालन रामबाबू धाकड़ और शिशुपाल धाकड़ गांव वालों के सहयोग से कर रहे हैं। रामबाबू धाकड़ ने माना है कि 15 दिन के भीतर 14 गायों की मौत भौरा रोग की वजह से हुई है। उसके बाद गौशाला के पीछे खदान में मृत गायों के ऊपर मुरम डालकर दफना दिया गया। जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अधिकारी कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं।
पशु विभाग के उपसंचालक आरपीएस भदौरिया का कहना है कि बिलोनिया औैर बरखेड़ा गिर्द में गायों की मौत की सूचना जनपद पंचायत गुना और गौशाला को संचालित करने वाले लोगों ने नहीं दी है। ऐसे में उनका पीएम नहीं किया गया है। उधर जनपद पंचायत सीईओ राकेश शर्मा का कहना है कि पशु विभाग के डॉक्टरों ने मृत गायों का पीएम किया था, रिपोर्ट के बाद भी मौत के कारणों की जानकारी लग सकेगी। बरखेड़ा गिर्द के ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में गायों को सड़ा भूसा खिलाया जाता है, इस भूसे को गोपाल अहिरवार की भैंस ने खा लिया था, उसकी भी मौत हो गई थी। गोपाल का कहना है कि पांच दिन पहले उसकी भैंस ने गौशला के बाहर भूसा और करब को खाया, तो उसके एक घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी।