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20 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया की इस जोड़ी ने अनहोनी को होनी करके दिखाया था

20 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया की इस जोड़ी ने अनहोनी को होनी करके दिखाया था
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आज से 20 साल पहले पहले 11-15 मार्च 2001 का दिन भारतीय क्रिकेट का वह स्वर्णिम क्षण है, जिसने भारतीय टीम की दिशा और दशा दोनों ही बदल दी. टीम इंडिया यहां कोलकाता में एक ऐसी टीम के खिलाफ टेस्ट मैच खेलने उतरी थी, जिसे उस काल का ‘बाली’ माना जाता था. यह टीम थी ऑस्ट्रेलिया, जो स्टीव वॉ की कप्तानी में खेल रही थी. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की ताकत उस वक्त ऐसी थी कि मानों उसे देखकर विरोधी टीम का आधा बल भी ऑस्ट्रेलिया में ट्रांस्फर हो जाता था. यह टीम दुनिया की हर टीम को अपने घर में ही नहीं बल्कि उसके घर में जाकर हरा रही थी.
स्टीव वॉ इस टीम के कप्तान थे और इस बार कंगारू टीम भारत दौरे पर आई थी. ऑस्ट्रेलिया लगातार पिछले 15 टेस्ट मैच जीतकर यहां पहुंची थी और उसने 3 टेस्ट की सीरीज के पहले मैच (मुंबई टेस्ट) में भी भारत को 3 दिन से भी कम समय में मात दे दी थी. सीरीज का दूसरा टेस्ट कोलकाता में खेला जाना था. भारतीय टीम की कमान अभी-अभी सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के हाथ में आई थी. ऑस्ट्रेलिया के सामने भारतीय टीम पस्त दिख रही थी लेकिन कप्तान सौरव गांगुली को कोई कमाल करके दिखाना था.
पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया कोलकाता टेस्ट में भी पराजय की ओर बढ़ ही चुकी थी. ऑस्ट्रेलिया ने कोलकाता टेस्ट (IND vs AUS Kolkata Test 2001) में पहली पारी में 445 रन बनाए थे. इसके जवाब में टीम इंडिया मात्र 171 रन पर ढेर हो गई. टीम इंडिया यहां 274 रन पीछे थी. भारत की कमजोर मानी जा रही टीम के सामने 274 रन की लीड देखकर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉल ने भारत को फॉलोऑन देने का फैसला किया. असली खेल यहीं से शुरू हुआ. फॉलोऑन को मजबूर हुई टीम इंडिया की हालत देखकर किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह इस टेस्ट मैच को बचा भी लेगी. लेकिन असली खेल यहीं से शुरू हुआ.
फॉलोऑन में नंबर 3 पर उतरे थे VVS Laxman बनाई टीम इंडिया की ‘संजीवनी’
टीम इंडिया ने भरोसेमंद बल्लेबाज वेंगीपुरप्पू वैंकट साइ लक्ष्मण (VVS Laxman) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बूते कमाल दिखाना शुरू किया. फॉलोऑन खेलते हुए भारत का पहला विकेट 52 के स्कोर पर गिर गया. गांगुली ने यहां वीवीएस लक्ष्मण को नंबर 3 पर बैटिंग के लिए उतार दिया. लक्ष्मण ने एक छोर को तो बखूबी संभाल लिया लेकिन दूसरे छोर से टीम इंडिया के विकेट गिरने का सिलसिला नहीं रुक रहा था. इस बार भी टीम इंडिया ने 232 रन तक पहुंचते-पहुंचे अपने 4 विकेट गंवा दिए. इनमें सचिन तेंदुलकर (10) और सौरभ गांगुली (48) के विकेट भी शामिल थे. लेकिन लक्ष्मण का साथ देने जब द्रविड़ मैदान पर उतरे तो यहां एक नया इतिहास टीम इंडिया का इंतजार कर रहा था.
लक्ष्मण-द्रविड़ ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का ‘तिलिस्म’
तब टेस्ट क्रिकेट में इन दोनों (वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़) खिलाड़ियों का नाम इतना बड़ा नहीं था, जितना बड़ा उन्होंने इस पारी को खेलने के बाद बना लिया. इन दोनों ने क्रीज पर ऐसे पांव जमाए कि कंगारू टीम के पसीने छूटने लगे थे. भारत ने देखते ही देखते ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी का स्कोर पार कर लिया और फिर उसे बड़ी लीड देने का काम शुरू करने लगा.
लक्ष्मण द्रविड़ के सामने घुटनों पर आई ऑस्ट्रेलिया
दोनों बल्लेबाजों ने क्रीज पर ऐसे पांव जमाए कि ऑस्ट्रेलिया को अगले 104 ओवरों तक कोई विकेट नहीं मिला. ये दोनों बल्लेबाज करीब डेढ़ दिन तक एक साथ बैटिंग करते नजर आए और ऑस्ट्रेलिया की टीम सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं मानसिक तौर पर भी टूटने लगी. भारत को वीवीएस लक्ष्मण के रूप में 5वां झटका लगा तब लक्ष्मण 281 रन पर आउट हुए थे. लेकिन आउट होने से पहले वह भारतीय क्रिकेट के लिए करिश्मा कर चुके थे. एक वक्त टीम इंडिया इस टेस्ट मैच को बचाने की सोच रही थी अब ऑस्ट्रेलिया पर हार का खतरा मंडराने लगा था. दूसरे छोर पर खड़े राहुल द्रविड़ ने यहां 180 रन की उम्दा पारी खेली और वह रन आउट होकर पवेलियन लौटे.
फॉलोऑन खेलकर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दिया विशाल टारगेट
पहली पारी में भारत को मात्र 171 रन पर समेट देने वाली कंगारू टीम यहां दूसरी पारी में टीम इंडिया को ऑल आउट नहीं कर पाई. कप्तान सौरभ गांगुली ने यहां 657/7 पर पारी घोषित कर दी और ऑस्ट्रेलिया को अब इस मैच को जीतने के लिए 384 रन की चुनौती मिली. अब भारतीय बोलरों ने भी उसे निराश नहीं किया और कंगारू टीम दूसरी पारी में मात्र 212 रन पर ढेर हो गई. टीम इंडिया ने यह मैच 171 रन से अपने नाम किया.
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्वीट वॉ ने VVS को कहा था- ‘वेरी वेरी स्पेशल’
वीवीएस लक्ष्मण की पारी ने नया इतिहास रच दिया था. क्रिकेट के जानकार वीवीएस की इस पारी को महान पारियों में शुमार करते हैं. इस टेस्ट पारी के बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा था कि VVS का मतलब अब ‘वेरी-वेरी स्पेशल’ है क्योंकि उन्होंने यह वेरी-वेरी स्पेशल पारी खेली है. इतना ही नहीं स्टीव वॉ को वीवीएस की 20 पुरानी यह पारी आज भी पूरी तरह से याद है. हाल ही में उन्होंने कहा कि उन्होंने (वॉ) ने कहा कि 280 से ज्यादा रन की कोलकाता में खेली गई वह पारी मेरे जीवन की सबसे उम्दा पारी है, जिसका मैं साक्षी बना. लेकिन बतौर कप्तान उस वक्त न तो मेरी सारी योजनाएं विफल हो रही थीं.
 


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