बेइंंतहा प्‍यार: पत्‍नी से मिलने के लिए भारत से साइकिल चलाकर यूरोप पहुंचा पति…पढ़ें अनोखी love story

प्‍यार में ऐसी दीवानगी होती हैं कि प्‍यार करने वाला कई बार ऐसा कुछ कर जाता है, जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। सोशल मीडिया पर ऐसी ही एक अपनी पत्‍नी से बेइत्‍हा प्‍यार करने वाले पति की लव स्‍टोरी वायरल हो रही है जो अपनी पत्‍नी से मिलने के लिए भारत से साइकिल से यात्रा करके यूरोप पहुंच गया।

ये प्‍यारी सी लव स्‍टोरी स्‍वीडेन की रहने वाली शार्लोट वॉन शेडविन है और भारतीय कलाकार पीके महानंदिया की है। दरअसल, शेडविन ने महानंदिया की कला के बारे में सुनने के बाद स्वीडन से भारत पहुंची थी।

ऐसे शुरू हुई थी ये लव स्‍टोरी

प्रद्युम्न कुमार महानंदिया भारत में एक छोटे लेकिन शानदार कलाकार थे। उनका काम स्वीडन तक भी पहुंच गया। ये चर्चा सुनकर चार्लोट नाम की ये 19 वर्षीय छात्रा उनसे मिलने के लिए भारत आ गई थी। यहां आकर उन्‍होंने महानंदिया द्वारा अपना चित्र बनवाने का फैसला किया।

…और दोनों में प्‍यार हो गया

तभी बतौर आर्टीटिस्‍ट के रूप में अपना नाम बनाना शुरू ही किया था। वह दिल्ली में कला महाविद्यालय में एक ऐसे छात्र थे जो आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। लेकिन प्‍यार जात-पात और गरीबी- अमीरी सबसे ऊपर होता है। जब शार्लोट अपना चित्र बनवा रही थी दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया।

शाार्लोट वॉन वापस स्‍वीडेन चली गई थी

कलाकार महानंदिया को शार्लोट वॉन की सुंदरता से प्यार हो गया और शार्लोट वॉन को महानंदिया की सादगी से प्यार हो गया। उन्होंने जल्द ही शादी कर ली लेकिन चार्लोट को वापस स्वीडन जाना पड़ा और प्रद्युम्न उसके साथ आने में असमर्थ थे। तब उन्‍होंने साइकिल से यूरोप जाने का फैसला किया था।

पत्‍नी से मिलने साइकिल से निकल पड़े डॉ. प्रद्युम्न

हालांकि ये प्‍यार भरी दास्‍तां अभी की नहीं बल्कि जनवरी 1977 की है। यानी आज से लगभग 45 साल पहले की है। जब प्रद्युम्न अपनी प‍त्‍नी के स्‍वीडेन वापस जाने पर बहुत अकेले हो गए थे तब उन्‍होंने अपना सारा सामान बेचने और भारत से स्वीडन जाने के लिए एक साइकिल खरीदने का फैसला किया।

जानें कितने दिनों में स्‍वीडेन पहुंंचे थे डॉ. प्रद्युम्न

साइकिल की सवारी करते हुए वो 4 महीने और 3 हफ्ते में स्‍वीडेन अपनी पत्‍नी के पास पहुंंच गए थे। उन्‍होंने हर दिन लगभग 70 किमी (44 मील) साइकिल चलाई थी। अंततः स्वीडन में अपने प्यार के साथ फिर से मिले। इसके बाद महानंदिया वहीं बस गए और अब उनके बड़े-बड़े बच्‍चे हैं।

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