मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पड़े 6 सोटे फिर भी मुस्कुराते रहे जानिए ऐसा क्या हुआ
रायपुर. दीपावली का चौथा दिन आज अन्नकूट और गौरा-गौरी पूजन के रूप में मनाया जा रहा है. इसे मनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज जांजगिरी पहुंचे जहां अपार जनसमूह ने उनका स्वागत किया. भव्य जुलूस के रूप में पूजा का समापन कुम्हारी और जजंगिरी में हुआ.
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरा-गौरी पूजन के दौरान अपने अदभुत साहस का परिचय दिया. हजारों लोगों के बीच नगाड़ा बज रहा था और मुख्यमंत्री को रस्सी का सोंटा खाने की चुनौती एक ग्वाला ने दी. अपनी देशी छबि के अनुरूप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुस्काते हुए राजी हो गए. फिर क्या था. नगाड़ा बजने लगे. जयकार होने लगी. मुख्यमंत्री ने मुस्कुराते हुए मुटठी बंद की और अपना दायां हाथ सामने कर दिया. इधर ग्वाला रस्सी से बने चाबुक को लेकर तैयार हो गया. सबसे पहले उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथ को प्रणाम किया और फिर सोटा बरसाने लगा.
सोटे पड़ने लगे. आश्चर्य के साथ लोग देखते रहे. एक..दो..तीन. चार. पांच और छह. पूरे छह सोटे मुख्यमंत्री ने अपने हाथों में पड़ने दिए. उसकी आवाज चट से गूंजती तो कान दहल उठते पर मुख्यमंत्री बघेल मुस्कुराते रहे. मानो वे संदेश दे रहे थे कि अपन माटी से जुड़ा तन—मन किसी भी दर्द को सह सकता है. फिर यह दर्द तो ढाई करोड़ लोगों की विपत्ति दूर करने के लिए सहा गया था. अन्यथा बहुत से लोग एक दो सोटा खाकर मैदान छोड़ देते पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने पूरे छह सोटे अपने हाथ में पड़ने दिए.
आज के दिन ग्रामों में यह रिवाज है कि रस्सी के सोटा को हाथ में मारते हैं. यह प्रतीक है कि कितनी भी विपत्ति आए, उसे हंस हंसकर सह लेगें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हंसते हंसते सोटे खाए और फिर सोटा मारने वाले ग्वाला की पीठ थपथपाकर चल दिए.