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80% बच्चों के पास ऑनलाईन पढ़ाई के लिए नहीं है लैपटॉप, NCERT सर्वे में हुए कई खुलासे

80% बच्चों के पास ऑनलाईन पढ़ाई के लिए नहीं है लैपटॉप, NCERT सर्वे में हुए कई खुलासे
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नई दिल्ली: कोरोना संकट के दौर में स्कूली बच्चों की सिर्फ़ ऑनलाईन क्लासेज़ हो रही हैं जिनमें बच्चों को समझने से लेकर संसाधनों तक की दिक़्क़तें आ रही हैं. बच्चों के लिए न्यू नॉर्मल की जगह ले रहे ऑनलाईन क्लासेज़ पर एनसीईआरटी ने एक बड़ा सर्वे कराया जिसमें देश भर से कुल 34,598 स्कूल प्रिंसिपल, टीचर, छात्र और अभिभावकों को जोड़ा गया. इस सर्वे में कई ऐसी बातें सामने आईं हैं जिसमें सरकारी स्तर पर तुरंत हस्तक्षेप की ज़रूरत है.


सबसे महत्वपूर्ण बात, जिसमें बच्चों को मदद की ज़रूरत है

इस सर्वे से अब ये बात सामने आई है कि सीबीएससी बोर्ड के 27% बच्चे ऐसे हैं जिनकी पहुंच ऐसे स्मार्टफ़ोन तक भी नहीं है जिससे वो अपनी ऑनलाईन क्लासेज़ तक पहुंच सकें.


कितने बच्चे पढ़ते हैं ऑनलाईन क्लासेज़ में

सीबीएसई से जुड़े केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय को मिलाकर देश भर में कुल 22500 स्कूल हैं. इनमें 10वीं में क़रीब 18 लाख और 12वीं में क़रीब 12 लाख छात्र हैं. इन सभी क़रीब 30 लाख छात्रों को ऑन लाईन क्लासेज़ में पढ़ाई करने का निर्देश है.


एनसीईआरटी के सर्वे की महत्वपूर्ण बातें
1. 27% छात्रों के पास स्मार्ट फ़ोन और लैप टॉप नहीं है यानी क़रीब एक तिहाई छात्रों के पास ऑन लाईन क्लासेज़ से जुड़ने का संसाधन नहीं है.
2. जबकि सिर्फ़ क़रीब 33% छात्र ही ऑन लाईन पढ़ाई के साथ सहूलियत महसूस कर रहे हैं
3. 80% छात्र ऐसे हैं जो सिर्फ़ ऑन लाईन क्लासेज़ के लिए सिर्फ़ मोबाईल का ही इस्तेमाल कर रहे हैं
4. सिर्फ़ 16% छात्र कम्प्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल कर पा रहे हैं.
5. इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल टूल की कमी ऑनलाईन शिक्षा में बड़ी बाधा बनी हुई है 20-30% के लिए ये मुश्किलों भरा अनुभव था
6. 10-20% लोगों ने कहा ऑन लाईन शिक्षा कष्टप्रद है.
7. 16% अध्यापकों और 32.6% छात्रों ने ऑन लाईन शिक्षा को कठिन बताया
8. 42.6% अध्यापकों और 16.2% छात्र ऑन लाईन क्लासेज़ के लिए लैप टॉप का इस्तेमाल करते हैं
9. केवल 4.8% छात्रों ने स्मार्ट टीवी का प्रयोग किया
10. अधिकतर लोगों ने कहा कि गणित की ऑन लाईन पढ़ना मुश्किल है
11. सर्वे में ये सुझाव दिया गया है कि सरकारों को आगे आ कर उन छात्रों को ऑन लाईन जुड़ने के संसाधन देने चाहिए जो अन्यथा ये नहीं पा सकेंगे .


ऑनलाईन क्लासेज़ पर अन्य एक्सपर्ट की राय


सीबीएससी के माध्यम से ये सर्वे स्कूलों को भेजा गया था जिसमें क़रीब बारह पेज़ का प्रोफ़ार्मा था. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑन लाईन क्लासेज़ में स्किल और कॉम्पिटेंसी की बात ज़्यादा करनी चाहिए कॉंटेंट कम होना चाहिए. उद्देश्य सिर्फ़ इंटरैक्शन होना चाहिए. स्कूलों का कहना है कि टीचरों ने भी काफ़ी कुछ सीखा है. पीपीटी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. गूगल फार्म में प्रश्नपत्र और एसाइनमेंट अपलोड किए जाते हैं. ये सब अधिकांश अध्यापकों के लिए नया अनुभव है.


 


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