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विशाखापट्टनम में जिसके शिकार हुए 800 लोग, कितना खतरनाक है ये गैस, जानिए

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रायपुर। आखिर पीवीसी या स्टाइरीन गैस होती क्या है? जिसकी वजह से अब तक 8 लोगों की मौत हो गई। या ये गैस किस तरह से लोगों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है? इसका क्या इस्तेमाल किया जाता है? हम आपको बता रहे हैं कि पीवीसी या स्टाइरीन गैस किस तरह से खतरनाक होती है।  

पढ़िए पूरी खबर-

पीवीसी को 1926 में वाल्डो सेमॉन नाम के वैज्ञानिक ने पीवीसी को प्लास्टिक रूप में लाए थे। आज के दौर में पीवीसी दुनिया का तीसरा सबसे भरोसेमंद प्लास्टिक उत्पाद है। इससे पहले पॉलीइथालीन और पॉलीप्रोपाइलीन का उपयोग होता है। पीवीसी यानी पॉलीविनाइल क्लोराइड (Polyvinyl Chloride) का उपयोग बिल्डिंग मैटेरियल बनाने में होता है, जैसे पीवीसी पाइप, खिड़कियों के फ्रेम, दरवाजे, ज्वाइंट्स, टंकी आदि क्योंकि ये सस्ता, लंबा चलने वाला और मजबूत होता है।


ये है स्टाइरीन गैस के प्रभाव-

पीवीसी गैस की वजह से आम लोगों की आंखों में तेज जलन, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, बेहोश हो जाना जैसी चीजें हो जाती है। एक बात ये भी देखने में आती है कि जो लोग पीवीसी वाली फैक्ट्रियों में काम करते हैं वो अक्सर शिकायत करते हैं कि उनके सिर में दर्द हो रहा है, उनको चक्कर आ रहे हैं। ये शिकायतें आम होती है। ये गैस पुरूष और महिलाओं दोनों में अन्य कई तरह की समस्याएं भी पैदा करती है। ये कहा जा रहा है कि फैक्ट्री से यही गैस लीक हुई जिसकी वजह से तीन किलोमीटर के दायरे में आने वालों को समस्या हुई। जो फैक्ट्री के पास में थे उनकी मौत हो गई। इसके अलावा महिलाओं और बच्चों को समस्या हुई है। 


ऐसे फैलता है ये स्टाइरीन गैस-

स्टाइरीन सिर्फ एक गैस नहीं है। यह सॉलिड या लिक्विड रूप में किसी भी चीज में मिल सकती है। ये फलों, सब्जियों, मूंगफलियों, मांस आदि में भी मिल जाती है। लेकिन इनका स्तर बेहद कम होता है। यदि कोई इसके संपर्क में है तो फिर ये गैस किसी भी व्यक्ति के शरीर में नाक, मुंह या छूने से जा सकती है। दरअसल स्टाइरीन (Styrene) एक रंगहीन तरल पदार्थ होता है जो हवा के संपर्क में आते ही गैस बनकर हवा के साथ फैलने लगता है। अगर स्टाइरीन अपने पूर्ण असली रूप में है तो ये आपको इसकी एक मीठी सी गंध आएगी लेकिन कई कंपनियां इसमें एल्डीहाइड्स चीजें मिलाती हैं, जिससे इसमें बदबू आने लगती है। अलग-अलग कंपनियों में इनका जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल होता है। फिलहाल इन दोनों गैसों के लीक होने की बात कही जा रही है जिसका असर देखने को मिला और 8 लोगों की मौत हो गई। 200 से अधिक लोग इससे प्रभावित भी हुए हैं।


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