पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के बाद इस प्रदेश में भी शुरू हुई कांग्रेस की कलह, जाने क्या है मामला
ऐसा लगता है कि अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी कलह शुरू हो गया है। दरअसल पार्टी ने कैलाश कदम को पिंपरी-चिंचवाड यूनिट का अध्यक्ष बनाया है। लेकिन कैलाश कदम को यह अहम जिम्मेदारी सौंपना पार्टी के कुछ नेताओं को रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के कुछ नेता कैलाश कदम को इस जिम्मेदारी से नवाजे जाने का विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले नेताओं का मानना है कि कैलाश कदम की छवि दागी नेता की है और उनके क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले इस छवि की वजह से संगठन की छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस बारे में पार्टी नेताओें ने शीर्ष नेतृत्व को भी अवगत कराया है। बता दें कि पुणे में कैलाश कदम के खिलाफ कई आपराधिक केस अभी पेंडिंग हैं।
कैलाश कदम पर हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी मांगने के मामले में पहले केस दर्ज हो चुका है। एक बार तो कुछ समय के लिए उन्हें पिंपरी-चिंचवाड से बाहर तक कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक कैलाश कदम का चयन राहुल गांधी की टीम ने किया है। यह टीम इस इलाके में एक आक्रमक और उग्र चेहरे की तलाश कर रही थी जो विरोधियों को करारा जवाब दे सके। टीम की यह तलाश कैलाश कदम पर जाकर खत्म हुई थी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पृथ्वीराज साठे ने कहा, 'कदम पर कई आपराधिक केसों से विमुक्त हो चुके हैं। उनपर ज्यादातर केस राजनीति से प्रेरित थे।' साठे ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने कैलाश कदम का चुनाव काफी सोच-समझ कर उनकी पार्टी में उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखकर किया है। उन्होंने कहा, 'पिंपरी-चिंचवाड में हम खराब स्थिति में हैं और हमें यहां एक मजबूत नेता की जरुरत है। कैलाश कदम यहां की स्थानीय ईकाई का नेतृत्व करने के लिए बिल्कुल सही हैं।
जब साठे से कैलाश कदम के चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं के विरोध के बारे में पूछा गया तब उन्होंने अकरुदी में मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'जिन लोगों ने कैलाश कदम के चयन का विरोध किया वो कमरे में मौजूद थे। हम उन्हें इस बात के लिए मनाएंगे कि कदम का आना पार्टी के लिए बेहतर साबित होगा।'
वहीं पार्टी में राज्य स्तर के सचिव सचिन साठे ने कहा कि कैलाश कदम के चुने जाने से कई पार्टी नेता नाराज थे। उन्होंने एक बैठक के बाद कैलाश कदम को चुने जाने का विरोध करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी भावनाओं से मुझे अवगत कराया है और मैं इस मामले को पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा दूंगा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश कदम ने उनकी छवि को लेकर पूछे गये सवालों को टाल दिया। हालांकि, उन्होंने यहा कहा कि उनके पीछे पार्टी हमेशा खड़ी थी और वो अगले चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जी-तोड़ मेहनत करेंगे।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पहले राजस्थान में गहलोत और पायलेट के बीच विवाद उसके बाद पंजाब कांग्रेस में कलह की वजह से राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देना पड़ा था। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस में आपसी कलह की बातें सामने आती रही हैं। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच काफी दिनों तक टशन चला था।