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भैंस खटालों के चलते गंदगी का आलम, लोग हो रहे दुर्घटना के शिकार, जाने कहा की है ये खबर

भैंस खटालों के चलते गंदगी का आलम, लोग हो रहे दुर्घटना के शिकार, जाने कहा की है ये खबर
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भिलाई | भिलाई क्षेत्र में बड़ी संख्या में भैस खटालों के चलते लोग परेशान है। आये दिन खुले में भैंसों को छोडऩे के चलते भारी गंदगी है व लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे। कई बार शिकायत के बावजूद भी जनप्रतिनिधियों द्वारा क्षेत्र से खटालों को बाहर नहीं किया जा रहा है। हल्की बारिश होते ही क्षेत्र की सड़कों पर गोबर एवं बदबू के चलते लोगों का घर से बाहर निकलना दूर्भर हो गया है। लोगों का कहना है कि  भैंस खटालों से निकलने वाले मवेशियों के चलते छोटे बच्चे व वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। वहीं खटालों से निकलने वाले गोबर को सड़क किनारे जमा करने के कारण गंदगी फैल गई है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार भिलाई क्षेत्र में प्रशासन द्वारा शहर को स्वच्छ बनाने के लिए क्षेत्र की साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके बावजूद टंकी मरौदा, नेवईभाठा, स्टेशन मरौदा, रूआंबांधा सहित सेक्टरों व रिहायशी क्षेत्रों में भी भैंस खटालों के संचालन होने से इन क्षेत्रों में साल भर गंदगी पसरी रहती है जबकि प्रशासन द्वारा साफ सफाई के लिए लाखों रुपये खर्च किया जाता है उसके बावजूद भी मच्छरों व सड़कों पर गोबर पसरने के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दूध निकालने के बाद खटाल संचालक मवेशियों को खुले में छोड़ देते हैं इस वजह स्कूल आने जाने वाले मासूम बच्चे कई बार भैसों की चपेट में आ चुके हैं। भैंसों को खुले में छोडऩे से वाहन चालक भी आये दिन दुर्घटना के शिकार हो रहे है। क्षेत्र में मवेशियों के अलावा सुअर खुले में घुमते नजर आते है। डेंगू,मलेरिया,संक्रामक रोग जैसे घातक बीमारियों के चपेट में रहवासी कई बार आ चुके हैं। फागिंग मशीन व नालियों में कीटनाशक का छिड़काव नहीं होने के चलते मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। इसके बावजूद भी भैंस खटालों को शहर से बाहर नहीं करना लोगों की समझ से परे हैं। रहवासियों का कहना है कि क्षेत्र में भैंस खटालों के चलते बच्चों को अकेले दुकान भेजने व स्कूल भेजने में डर लगता है, कई बार भैंसों के आपस में लड़ते वक्त छोटे बच्चे इनकी चपेट में आ चुके हैं। क्षेत्र के रहवासियों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र से जल्द से जल्द भैंस खटालों को बाहर करे ताकि स्वच्छता अभियान में बाधा न पहुंचे व लोग बीमारी एवं दुर्घटनाओं से बच सके। खटालों को व्यवस्थित करने पहले ही गोकुलधाम बनाया गया है।
 

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