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फिर खतरे की घंटी, कोविड से भी 100 गुना बदतर महामारी आने वाली है!, यहां फैला वायरस…पढ़िए पूरी खबर

फिर खतरे की घंटी, कोविड से भी 100 गुना बदतर महामारी आने वाली है!, यहां फैला वायरस…पढ़िए पूरी खबर
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  नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने दुनियाभर में कहर मचाया था। वहीं अब फिर वैज्ञानिकों ने खतरे की घंटी की चेतावनी दी है। बताया जा रहा है कि कोविड से भी 100 गुना बदतर महामारी आने वाली है।

विशेषज्ञ बर्ड फ्लू महामारी की संभावना पर खतरे की घंटी बजा रहे हैं। उनका कहना है कि यह महामारी कोविड-19 संकट से कहीं अधिक विनाशकारी हो सकती है। बर्ड फ्लू का एच 5एन1 स्ट्रेन सबसे ज्यादा गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। वायरस पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि ऌ5ठ1 एक वैश्विक महामारी को ट्रिगर कर सकता है। यह “खतरनाक रूप से बेहद करीब” पहुंच रहा है।

दरअसल गाय, बिल्ली और मनुष्यों सहित विभिन्न स्तनधारियों में कई एच 5एन1 संक्रमण पाए गए हैं। इसके चलते वैज्ञानिकों ने वायरस पर रिसर्च शुरू किया। यह वायरस मनुष्यों के बीच अधिक आसानी से फैल रहा है।

वायरस के उत्परिवर्तन यानी म्यूटेशन ने चिंता पैदा कर दी है। डेली मेल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब अमेरिकी राज्य टेक्सास में एक डेयरी फार्म में काम करने वाला शख्स एच 5एन1 वायरस से पॉजिटिव पाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज का टेक्सास में डेयरी मवेशियों से सीधा संपर्क था जिसके कारण उसके बर्ड फ्लू से से संक्रमित होने संदेह जताया गया है। उसका वर्तमान में एंटीवायरल उपचार जारी है और वह अब ठीक हो रहा है। कोलोराडो में 2022 के मामले के बाद, अमेरिका में इन्फ्लूएंजा के लिए किसी व्यक्ति के सकारात्मक परीक्षण का यह दूसरा मामला है।

अमेरिका में जानवरों में फैला वायरस

इसके अलावा, छह अमेरिकी राज्यों में गायों के 12 झुंडों और टेक्सास में तीन बिल्लियों में संक्रमण की सूचना मिली, जो वायरस के कारण मर गईं। अमेरिका में ताजे अंडों की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी ने मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाए जाने के बाद टेक्सास संयंत्र में अस्थायी रूप से उत्पादन रोक दिया है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि मिशिगन में मुगीर्पालन केंद्र में भी यह वायरस पाया गया है। टैक्सास में, रिजलैंड, मिसिसिपी स्थित कैल-मेन फूड्स इंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि टैक्सास स्थित पार्मर काउंटी में लगभग 16 लाख अंडे देने वाली मुर्गियों और 337,000 चूजों को एवियन इन्फ्लूएंजा का संक्रमण पाए जाने के बाद नष्ट कर दिया गया।

हालांकि कंपनी ने कहा कि वर्तमान में बाजार में मौजूद अंडों से बर्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है और उन्हें वापस नहीं लिया गया है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, जिन अंडों का प्रबंधन ठीक से किया जाता है और उचित तरीके से पकाया जाता है, वे खाने के लिए सुरक्षित होते हैं।

‘कोविड से 100 गुना बदतर’

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख बर्ड फ्लू शोधकर्ता डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी कि हम ऌ5ठ1 के कारण होने वाली संभावित महामारी की दहलीज के करीब हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वायरस ने पहले ही अपनी क्षमता दिखा दी है।

यह पहले ही मनुष्यों सहित स्तनधारियों को संक्रमित कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के सलाहकार, जॉन फुल्टन ने भी वायरस के खतरे को लेकर आगाह किया है। उन्होंने कहा कि ऌ5ठ1 उच्च मृत्यु दर को बनाए रखते हुए म्यूटेट हो सकता है। इससे यह कोविड-19 से भी बदतर महामारी हो सकती है। फुल्टन ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना बदतर है।”

आखिर क्या बला है ये वायरस

एवियन इन्फ्लूएंजा एच5एन1 एक अत्यधिक रोगजनक स्ट्रेन है। इसे बर्ड फ्लू के रूप में भी जाना जाता है, जिसने विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान लाखों पक्षियों और अज्ञात संख्या में स्तनधारियों को मार डाला है।

यह वह नस्ल है जो 1997 में चीन में घरेलू हंसों में उभरी और लगभग 40-50% की मृत्यु दर के साथ तेजी से दक्षिण-पूर्व एशिया में मनुष्यों तक पहुंच गई। एक रिसर्च ग्रुप को इस वायरस का सामना तब करना पड़ा जब 2005 में कूक फुओंग नेशनल पार्क वियतनाम में एक बंदी प्रजनन कार्यक्रम में इसने एक स्तनपायी, एक लुप्तप्राय ओवस्टन के पाम सिवेट, को मार डाला।

इन जानवरों को बर्ड फ्लू कैसे हुआ, इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई। उनका आहार मुख्य रूप से केंचुए हैं, इसलिए वे क्षेत्र के कई बंदी बाघों की तरह रोगग्रस्त मुर्गी खाने से संक्रमित नहीं हुए थे। इस खोज ने हमें बर्ड फ्लू के साथ घातक संक्रमण की सभी पुष्ट रिपोर्टों का मिलान करने के लिए प्रेरित किया ताकि यह आकलन किया जा सके कि यह वायरस वन्यजीवों के लिए कितना व्यापक खतरा पैदा कर सकता है।

1 जनवरी 2003 से 21 दिसंबर 2023 के बीच 23 देशों में एच5एन1 वायरस से मानव संक्रमण के 882 मामले सामने आए, जिनमें से 461 (52%) घातक थे। इन घातक मामलों में से आधे से अधिक मामले वियतनाम, चीन, कंबोडिया और लाओस में थे।


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