छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजनितिक हलचल पर आलेख... ”तो फैसला सुरक्षित है”
दिल्ली से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उनके मंत्री, विधायक, महापौर, जिला अध्यक्ष विजेता की तरह लौट आए हैं। ऊपरी तौर पर ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ में नेतृत्व की समस्या का समाधान हो गया है लेकिन दिल्ली से लौटे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस बयान से कि फैसला आलाकमान के पास सुरक्षित है,साफ हो जाता है कि दिल्ली में राहुल गांधी के साथ बातचीत के बाद जो फैसला होना था, वह नहीं हुआ है। वह किसी और समय के लिए टाल दिया गया है। टीएस सिंहदेव के मुताबिक इसमें वक्त लगेगा। सवाल उठता है कि यह फैसला क्यों टाल दिया गया है। नेशनल लेवल पर पंजाब का मामला पहले ही सुर्खियों में है। वहां नवजोत सिध्दू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर माना गया कि यह सही फैसला है, समस्या का समाधान हो गया लेकिन अब पता चल रहा है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ है। राजस्थान की समस्या का समाधान भी नहीं हुआ है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मामले में कोई फैसला जल्दी में लिया नहीं जा सकता। छत्तीसगढ़ में सबसे मजबूत सरकार है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने साबित किया है कि विधायकों का बहुमत उनके साथ है। वह सबसे लोकप्रिय नेता हैं। ऐसे नेता को हटाना नई मुसीबत मोल लेने के समान होता। इसलिए छत्तीसगढ़ में यथास्थिति बनाई रखी गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ माडल को देखने के लिए बुलाया है। यानी उन्होंने राहुल गांधी को उनका काम देखने के लिए बुलाया है। मुख्यमंत्री का काम देखकर हो सकता है कि राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की सोचे नहीं। टीएस सिंहदेव ऐसे नेता नहीं है जो आलाकमान की बात न माने। उन्होंने तो पहले ही कहा है कि आलाकमान उनके विषय में जो फैसला करेगा, वह उन्हें मंजूर होगा। भूपेश बघेल ने भी यही कहा है कि आलाकमान का फैसला वह भी मानेंगे। भूपेश बघेल सिर्फ इतना चाहते हैं कि उनके विषय में कोई फैसला करने से पहले राहुल गांधी छत्तीसगढ़ आकर उनका काम देख लें। अभी राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के दौर पर कब आऐंगे,यह तय नहीं हुआ है। यह अगले महीने हो सकता है।राहुल गांधी एक बार छत्तीसगढ़ में कुछ दिन रहकर भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुए काम को खुद देख लेंगे तो उनके लिए फैसला करना आसान होगा कि यहां के लिए मुखिया के तौर पर भूपेश बघेल ठीक है या कोई और। लोकल व नेशनल मीडिया के अ्रनुसार तो भूपेश बघेल को हटाना कांग्रेस नेतृत्व की बड़ी गलती होगी। फिर भी कांग्रेस में आलाकमान कोई भी फैसला ले सकता है, उनके फैसले को पार्टी के भीतर कोई चुनौती नहीं दे सकता.आलाकमान जो भी फैसला करेगा, उसे सबको मानना ही होगा।