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टिकट वितरण के गलत निर्णय से भाजपा जगदलपुर की नगर सत्ता से हुई वंचित, जाने पूरी खबर

टिकट वितरण के गलत निर्णय से भाजपा जगदलपुर की नगर सत्ता से हुई वंचित, जाने पूरी खबर
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गदलपुर | नगर पालिक निगम जगदलपुर के निकाय चुनाव को लेकर चल रही कवायद परिणामों के साथ अब महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव की ओर बढ़ चला है।  पिछले 20 वर्षों के बाद नगरीय निकाय जगदलपुर में कांग्रेस पहली बार 28 पार्षदों के साथ पहुंची है। वही दूसरा तथ्य यह भी है कि नगर पालिक निगम के गठन के बाद पहली बार कांग्रेस को भाजपा से अधिक पार्षदों  की संख्या के साथ विराजमान होने का अवसर मिला है।  कांग्रेस को पार्षदों का स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव में कांग्रेस के किसी महिला नेत्री का महापौर बनना तय है। वही भाजपा 19 पार्षदों के साथ विपक्ष में बैठेगी। नगरीय निकाय के परिणामों के बाद चिंतन का दौर जारी है भाजपा के सत्ता से वंचित होने को लेकर भाजपा में घमासान मचा हुआ है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के जगदलपुर प्रवास के दौरान प्रेस वार्ता में भी टिकट वितरण में गलत निर्णय को लेकर सवाल पूछे गए थे। जिससे  भाजपा अध्यक्ष कुछ असहजता के साथ जवाब  देते देखे गए थे। उन्होंने इस पर नाराजगी भी जाहिर की थी। निकाय चुनाव के परिणाम आनेेे के बाद किए जा रहे विश्लेषण से यह साफ हो गया हैै कि भाजपा टिकट वितरण के गलत निर्णय से जगदलपुुर की नगर सत्ताा से वंचित हुई है। 

भाजपा के 10 वार्डों मे कमजोर प्रत्याशी से कांग्रेस की राह हुई आसान
टिकट वितरण के गलत निर्णय को लेकर भाजपा में पहले से ही घमासान छिड़ा हुआ था। परिणाम आने के बाद भाजपा नेता इसका ठीकरा टिकट वितरण में मुख्य भूमिका निभाने वाले बड़े नेताओं के सिर पर फोड़ते दिख रहे हैं। 10 वार्डों में भाजपा ने कमजोर प्रत्याशी उतार कर कांग्रेस को जगदलपुर की नगर सत्ता तोहफे में देने की बाते भाजपाईयों के द्वारा की जा रही है। जिन 10 वार्डों में कमजोर प्रत्याशी उतारने से भाजपा को सीधा नुकसान हुआ है उसमें सदर वार्ड से निर्मल सिंह राजपूत जिन्होंने कभी भाजपा का झंडा नहीं उठाया नौकरी से रिटायर होने के बाद सीधे भाजपा का टिकट प्राप्त करने में सफल हुए और पूर्व सभापति शेष नारायण तिवारी के उत्तराधिकारी के रूप में चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतरे थे, लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा। बालाजी वार्ड से सुषमा श्रीवास्तव को टिकट देना पहले ही हार की गारंटी मानी जा रही थी, क्योंकि इससे पहले तीन बार हार चुके प्रत्याशी के जीतने की उम्मीद कभी नहीं की जा सकती है। इसी तरह इंदिरा वार्ड से लक्ष्मी जैन लोड़ा को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, जिसका नाम शुरू से लेकर अंत तक रायशुमारी में भी नहीं था। पैरासुट प्रत्याशी के रूप में भाजपा के पुराने कार्यकर्ता द्रोपति ठाकुर के स्थान पर लक्ष्मी जैन लोड़ा को प्रत्याशी बनाया जाना हार का कारण बना। डॉ राजेंद्र प्रसाद वार्ड अनारक्षित वर्ग के लिए था, जहां आरक्षित वर्ग के रतन घु्रव को टिकट दिया गया जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इसी तरह महात्मा गांधी वार्ड भी अनारक्षित था लेकिन आरक्षित वर्ग के  रवि कश्यप को को टिकट दिया गया और हार का मुंह देखना पड़ा। गंगा नगर वार्ड से दशरथ गुप्ता को टिकट दिया गया था, जिसके विरोध में वार्ड के 150 भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर अपना इस्तीफा तक दे दिया था। गंगा नगर वार्ड से दशरथ गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी के विरुद्ध दो बार निर्दलीय चुनाव लड़कर हार चुके थे, बावजूद इसके तीसरी बार भाजपा ने उसे टिकट दिया जिसका परिणाम यह हुआ कि एकमात्र निर्दलीय प्रत्याशी राजेश राय जो कि कांग्रेस के बागी थे जीतने में सफल हो गए। पंडित सुंदरलाल शर्मा वार्ड एवं राजीव गांधी वार्ड महिला अनारक्षित होने के बावजूद यहां से ममता पोताई और  डोमाय बघेल आरक्षित वर्ग की महिला को टिकट दिया जाना हार का कारण बना। इसी तरह एपीजे अब्दुल कलाम वार्ड अनारक्षित वर्ग के लिए था, जहां आरक्षित वर्ग के समरत बेसरा को टिकट देने से यहां सीधा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड अपिव महिला के लिए आरक्षित था, यहां से वर्तमान पार्षद में अपनी पत्नी माया नायक  के लिए के लिए टिकट मांगा था, लेकिन भाजपा ने चिंतामणि सोनी को टिकट दे दिया। माया नायक निर्दलीय के तौर पर लड़कर दूसरे नंबर पर रही जिसके कारण भाजपा को यह सीट गंवानी पड़ी। महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी वार्ड अजा के लिए आरक्षित था यहां से भाजपा ने पितामह नायक का टिकट काटकर जितेंद्र नाग को टिकट दिया गया। यहां से पिता महानायक की पत्नी दो बार से भाजपा की पार्षद रह चुकी थी, जिसका टिकट काटा जाना भाजपा की हार का कारण बना। वही निर्दलीय लड़ रहे पितामह नायक दूसरे नंबर पर रहे थे। इस तरह 10 वार्डों के गलत टिकट वितरण से भाजपा जगदलपुर की नगर सत्ता से वंचित हुई। इन 10 वार्डों पर टिकट वितरण सही प्रत्याशी को कर दिया गया होता तो इसमें से  पांच भाजपा के प्रत्याशी भी  जीतकर आ गए होते  तो निसंदेह आज नगर पालिक निगम जगदलपुर की सत्ता में भाजपा अपना महापौर स्पष्ट बहुमत के साथ बना रही होती। 
भाजपा के बड़े नेताओं को टिकट से वंचित करना महंगा पड़ा भाजपा को
भाजपा के वर्तमान पार्षदों में से कुछ बड़े नाम जिन्हें पार्टी ने टिकट से वंचित कर दिया यदि उन्हें टिकट दिया गया होता तो निसंदेह कुछ और सीटें भाजपा की बढ़ गई होती इसमें से सबसे पहला नाम भाजयुमो के अध्यक्ष एवं सुभाष चंद्र बोस वार्ड के पार्षद रजनीश पाणिग्राही जिन्होंने सदर वार्ड से टिकट मांगा था लेकिन यहां से पार्टी ने उसकी जगह निर्मल सिंह राजपूत को टिकट दे दिया जिससे भाजपा की परंपरागत सीट से हाथ धोना पड़ा, और कांग्रेस का प्रत्याशी यहां से बहुत ही कम अंतर से जीत गया। इसी तरह गुरु गोविंद सिंह के पार्षद संग्राम सिंह राणा को भी पार्टी ने टिकट से वंचित कर दिया जिसके कारण धरमपुरा इलाके से निसंदेह भाजपा के पार्षद की संख्या में बढ़ोतरी होती। प्रताप देव वार्ड से भाजपा के प्रत्याशी का नामांकन रद्द होना और  कांग्रेस के प्रत्याशी का निर्विरोध  निर्वाचित होना भी भाजपा के नेताओं की लापरवाही को दर्शाता है। 
05 अनारक्षित वार्डों में आरक्षित वर्ग के भाजपा प्रत्याशी 
भाजपा के द्वारा 05 अनारक्षित वार्डों से आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों को टिकट दिया गया उनके नाम क्रमश: इस प्रकार हैं वार्ड क्रमांक 21 डॉ राजेंद्र प्रसाद वार्ड अनारक्षित था, जहां से आरक्षित वर्ग के रतन ध्रुव को टिकट दिया गया। वार्ड क्रमांक 22 महात्मा गांधी नगर वार्ड आरक्षित था, जहां से आरक्षित वर्ग के रवि कश्यप को दिया गया। वार्ड क्रमांक 32 पंडित सुंदरलाल शर्मा अनारक्षित महिला के स्थान पर आरक्षित ममता पोटाई को दिया गया। वार्ड क्रमांक 33 राजीव गांधी वार्ड अनारक्षित महिला के स्थान पर आरक्षित महिला डोमाय बघेल को टिकट दिया गया। वार्ड क्रमांक 40 डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वार्ड अनारक्षित था, जिसमें आरक्षित समरथ बेसरा को टिकट दिया गया। इस तरह 05 अनारक्षित वार्ड से आरक्षित वर्ग के प्रत्याशियों को उतारे जाने से वार्ड वासियों में इसे लेकर नाराजगी थी, जिसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ा है।
 

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