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भाजपा ने ली प्रेस वार्ता: सनातनधर्मावलम्बियों, भाजपा नेताओं पर कवर्धा मामले में किये जा रहे शासकीय दमन के विरुद्ध कहा ये, और रखी ये मांग

भाजपा ने ली प्रेस वार्ता: सनातनधर्मावलम्बियों, भाजपा नेताओं पर कवर्धा मामले में किये जा रहे शासकीय दमन के विरुद्ध कहा ये, और रखी ये मांग
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रायपुर, छत्तीसगढ़ हमेशा से शान्ति का टापू रहा है. कबीरधाम जिला तो खासकर सनातन आस्थाओं के कारण हमेशा से सद्भाव का केंद्र रहा है. महान संत कबीर दास जी के नाम वाला यह जिला अपने नाम के अनुरूप ही श्री राम भक्ति से सराबोर रहा है. संत करपात्री जी महराज द्वारा स्थापित रामराज्य परिषद् का आज़ादी के बाद वाले समय में यह गढ़ रहा. यहां से तब परिषद् के विधायक हुआ करते थे.
कल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, संगठन महामंत्री संगठन पवन साय, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू, और हमारे अन्य नेताओं ने कबीरधाम जेल जाकर धर्मयोद्धा भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, सुखचैन यादव जी से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना.
कवर्धा मामले में कांग्रेस जिस तरह तुष्टिकरण कर रही है, चुन चुन कर सनातन कार्यकर्ताओं, भाजपा के नेताओं के साथ बर्बरता से पेश आ रही है, और मुस्लिम दंगाइयों को संरक्षण दे रही है, वह अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है. एक तरफ वहां बहुसंख्य समाज के खिलाफ सरकार तमाम झूठे और असंगत धाराओं का इस्तेमाल कर दमन और आतंक पैदा कर रही है, वहीं मुस्लिम दंगाई खुलेआम घूम रहे हैं. केसरिया ध्वज की रक्षा करने वाले दुर्गेश देवांगन के खिलाफ दंगाइयों ने चाकू से हमला किया, बमुश्किल उनकी जान बच पायी. फिर भी उन पर हमला करने वालों पर ‘ह्त्या के प्रयास’ के 307 जैसी धाराएं नहीं लगायी गयी जबकि दुर्गेश के शरीर पर चाकू के नौ इंच लम्बे निशान पाए गए. जबकि हिन्दू कार्यकर्ताओं पर एट्रोसिटी और 307 जैसे गंभीर धाराएं लगाई गयी है.
प्रदेश युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विजय शर्मा के खिलाफ जिस तरह बेशर्म पक्षपात कर रही है सरकार, वह असहनीय है. शासन को बेहतर पता था कि विजय जी के खिलाफ कोई साक्ष्य उसके पास नहीं है, उन्हें तुरंत ज़मानत मिल जाती. इसके कारण विजय शर्मा के खिलाफ राशन कार्ड के लिए आन्दोलन करने वाले पुराने मामले में एट्रोसिटी एक्ट लगा दिए गए, जिसके कारण ज़मानत नहीं मिली उन्हें. इसी तरह सुखराम यादव और कैलाश चंद्रवंशी जैसे सनातनियों के खिलाफ व्यवहार किया गया.
श्री विजय शर्मा और अन्य सनातनियों को गिरफ्तार कर रातोरात रायपुर लाना, फिर कवर्धा ले जाना, लगातार उनके साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करना गंभीर चिंता पैदा कर रहा. स्थानीय विधायक और मंत्री मुहम्मद अकबr ने साबित किया है कि वह अपने सम्प्रदाय के तुष्टिकरण के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. हम शासन को यह चेतावनी देना चाहते हैं कि अगर कार्यकर्ताओं पर खरोंच भी आई तो भाजपा, कांग्रेस और उसके सरकार की ईंट से ईंट बजा कर रख देंगे.
किस तरह शासन कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहा है वह आपने देखा ही है कि महासमुंद के कांग्रेसी विधायक और संसदीय सचिव ने शासकीय कर्मचारी को इतना मारा कि उसकी आँख से खून निकल आया, पर इस आपराधिक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई जबकि पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है. लेकिन सांसद संतोष पाण्डेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, युवा मोर्चा पूर्व अध्यक्ष विजय शर्मा समेत 14 अन्य आरोपी बनाये गए लोगों ने किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं किया, कोई भी हिंसक गतिविधियों में ये शामिल नहीं रहे, फिर भी कांग्रेस सरकार ने मुकदमे दर्ज किए हैं. यह विद्वेष की राजनीति का चरम है.
भाजपा की मांग है :-
- इस समूचे घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो.
- जेल में बंद निर्दोष हिन्दुओं, भाजपा नेताओं की शीघ्र बिना शर्त रिहाई हो.
- दंगा के असली जिम्मेदारों के खिलाफ कारवाई, उन्हें शासकीय संरक्षण पर रोक हो.
- राजनीतिक बयानबाजी करने वाले पुलिस-प्रशासन के लोग दण्डित किये जाएँ.
 


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