BREAKING NEWS: गुजरात के नए मुख्यमंत्री का ऐलान, विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से चुने गए नेता
नई दिल्ली: भूपेंद्र पटेल गुजरात के अगले मुख्यमंत्री होंंगे। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के अचानक इस्तीफे के बाद रविवार को हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नेता चुना गया। विधायक दल की बैठक से पूर्व भाजपा कोर गु्रप की बैठक में अगले मुख्यमंत्री के रूप में पटेल के नाम पर मुहर लगी। पटेल संभवत: सोमवार के 15 मंत्रियों की टीम के साथ पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
गौरतलब है कि शनिवार को अचानक मुख्यमंत्री रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीएम पद की रेस में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, मनसुख मंडाविया, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, सौरभ पटेल, गोर्धन झड़पिया और प्रफुल्ल पटेल जैसे कई नामी चेहरे थे। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल के नाम पर मुहर लगवा कर एक बार फिर से सभी को चौंकने के लिए मजबूर किया।
गैरविवादित छवि-संगठन में पकड़ ने राह की आसान
गैरविवादित छवि और संगठन में पकड़ के साथ-साथ भूपेंद्र को पटेल बिरादरी से होने का लाभ मिला। चूंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में नेतृत्व राज्य के लिए पटेल समुदाय से किसी गैरविवादित चेहरे की तलाश मेंं था। यूपी की वर्तमान राज्यपाल और राज्य की पूर्व सीएम आनंदी बेन की पारंपरिक घाटतोलिया सीट से बीते चुनाव में पहली बार विधायक बने पटेल की संगठन में अच्छी पकड़ है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पटेल इससे पूर्व अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण में चेयरमैन का पद संभाल चुके हैं।
आनंदी के करीबी और पीएम के विश्वस्त
विधायक दल का नेता चुने गए भूपेंद्र उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन के करीबी और प्रधानमंत्री के विश्वस्त नेता रहे हैं। बीते चुनाव में आनंदी बेन की सिफारिश पर ही उनकी पारंपरिक सीट घाटलोडिया से उन्हें टिकट मिला। भूपेंद्र ने 80 हजार केबड़े अंतर से जीत हासिल की। हालांकि आनंदी की जगह उम्मीदवार बनाए गए भूपेंद्र के नाम की चर्चा उस समय भी हुई थी, मगर उन्हें नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
पद संभालते ही चुनौतियों का अंबार
भूपेंद्र को पद संभालते ही कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। दरअसल कोरोना की पहली और दूसरी लहर में राज्य में सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ी। इसी दौरान पटेल समुदाय में नाराजगी पहले से और बढ़ गई। अब नए सीएम को कोरोना के कारण उत्पन्न नाराजगी के साथ अपनी बिरादरी में जारी असंतोष को थामने की चुनौती होगी। गौरतलब है कि पीएम बनने के बाद मोदी के सीएम पद से इस्तीफा देने के सात साल की अवधि में गुजरात को भूपेंद्र के रूप में तीसरा सीएम मिलने वाला है।