अग्रसेन महाविद्यालय एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का आज तीसरा दिन
“शोध का प्रभाव और सटीकता बढाने में एनालिटिकल टूल्स का इस्तेमाल जरुरी - प्रो विक्रम
रायपुर : अग्रसेन महाविद्यालय (पुरानी बस्ती रायपुर) एवं महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में “न्यू मेथोडोलॉजी इन रिसर्च प्रजेंटेशन” विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन आज दुर्ग स्थित के.के. मोदी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ़ मेनेजमेंट के प्राध्यापक प्रो. विक्रम सिंह ने “एनालिटिकल टूल्स एप्लाइड फॉर एडवांस्ड रिसर्च” – विषय पर अपनी प्रस्तुति दी.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में शोध कि दुनिया में अनेक प्रकार के सोफ्टवेयर और टूल्स प्रचलित हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में हम उन सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते. उन्होंने कहा कि आज के समय में शोध कार्य को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए अनेक प्रकार कि तकनीक भी उपलब्ध है. किन्तु उनसे परिचित नहीं हो पाने के कारण हम अपने शोध कार्य को पारंपरिक ढंग से ही करते रहते हैं. जबकि इसमें समय, संसाधन और ऊर्जा का अधिक खर्च होता है. इसीलिए आज के शोधार्थियों को अपने विषय में शोध करने से पहले उपलब्ध तकनीकों और टूल्स की जानकारी होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हर एक शोधार्थी को गूगल स्कॉलर, ऑर्किड और रिसर्च-गेट जैसे प्लेटफोर्म का उपयोग करना चाहिए. साथ ही एनालिसिस के लिए उपलब्ध फ्री सोफ्टवेयर का उपयोग भी अवश्य करना चाहिए,. प्रो विक्रम ने कहा कि हमें शोध के विषय ऐसे चुनने चाहिए जिनकी प्रासंगिकता आज के समय में बनी हुई है. युवाओं को शोध अध्यायन से जोड़ने के लिए उनकी रूचि के विषय और डाटा कलेक्शन किये जाने चाहिए, ताकि उस अध्ययन में वे सही तरीके से विषय की जानकारी प्राप्त कर सकें.
प्रो. विक्रम ने पॉवर प्वाइंट प्रस्तुति के जरिये एनालिटिकल टूल्स के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या की. उन्होंने कहा कि अब शोधार्थी को विश्लेषण करने के लिए अपने दिमाग का कम और एनालिटिकल टूल्स का उपयोग अधिक करना होता है. इन टूल्स से विश्लेषण में सटीकता सौ प्रतिशत रहती है. इसलिए इसके डाटा एनालिसिस को अधिक विश्वसनीय माना जाता है. इसमें परिणाम भी अनेक आयामों में देखे जा सकते हैं. प्रो विक्रम में विभिन्न एनालिसिस में उपयोग होने वाले आवश्यक सॉफ्टवेयर के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी.
इस अवसर पर अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ वी.के. अग्रवाल तथा समिति के सचिव एवं वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ अमित अग्रवाल ने आज की प्रस्तुति को शोध के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि तकनीक और सोफ्टवेयर ने शोध कार्य को जिस तरह से व्यापक बना दिया है, वह शोधार्थियों के अकादमिक विकास के लिए भी बहुत मददगार हो रहा है.
आज के संत्र में महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ देवाशीष मुखर्जी ने कहा कि वतमान समय में शोध अध्ययन के लिए एनालिसिस के टूल्स भी बदल रहे हैं. इसलिए इनसे सम्बंधित सोफ्टवेयर को जानना भी आवश्यक है.
अन्त में आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने कहा कि वर्तमान समय में शोध कार्य केवल किताबी नहीं रह गया है. जिस तरह से कंप्यूटर और सोफ्टवेयर का इस्तेमाल शोध के क्षेत्र में लगातार बढ़ता जा रहा है, उससे शोध का प्रभाव भी बढ़ रहा है और उसकी पहुँच भी विश्व-व्यापी हो रही है. आज के सत्र का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ आकांक्षा दुबे ने किया. आज के सत्र में दोनों महाविद्यालयों के समस्त प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही