बीट गार्ड शेखर रात्रे के समर्थन में अजाक्स जांच प्रक्रिया में गिनाई खामियां, आंदोलन की चेतावनी दी
कोरबा। बीट गार्ड शेखर सिंह रात्रे के समर्थन में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी, कर्मचारी संघ, अजाक्स खड़ा हो गया है। अजाक्स ने पीसीसीएफ रायपुर व सीसीएफ बिलासपुर को पत्र लिखकर जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया है। शेखर के कदम को उचित बताते हुए रेंजर व डिप्टी रेंजर पर कार्रवाई की मांग की गई है। अपने बीट की सुरक्षा का दायित्व निभाने में शेखर ने जो हिम्मत दिखाई, अजाक्स ने उसकी प्रशंसा कर चेतावनी दी है कि अगर शेखर के विरूद्घ कोई कार्रवाई की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कर्तव्य के लिए अपने ही विभाग के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले साहसी बीट गार्ड शेखर के विरुद्घ वन विभाग के आला अधिकारियों ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। अपने साथ अन्याय होने की बात से अवगत कराते हुए शेखर जहां अपनी बात वन कर्मचारी संघ में रख रहे हैं, उनके समर्थन में अजाक्स संघ भी खड़ा हो गया है। अजाक्स की ओर से प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर, मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर व कटघोरा डीएफओ को ज्ञापन सौंपा गया है। इसमें बांकीमोंगरा के हल्दीबाड़ी रिजर्व फॉरेस्ट में हुई घटना, रेंजर मृत्युंजय शर्मा व डिप्टी रेंजर अजय कौशिक के खिलाफ बीट गार्ड शेखर की कार्रवाई से लेकर पाली एसडीओ वाय पी डड़सेना की जांच के बारे में बताया गया। अजाक्स ने मामले की जांच प्रक्रिया में खामियां गिनाते हुए इसे रेंजर व डिप्टी रेंजर के बचाव के लिए तैयार किया गया मसौदा भी करार दिया है, जिसमें रिजर्व फॉरेस्ट में रंगे हाथ पकड़े गए आरोपित निर्दोष बन गए, जबकि उन्हें पकड़कर अपना कर्तव्य निभा रहे बीट गार्ड शेखर को ही दोषी करार दे दिया गया। अजाक्स ने शेखर की हिम्मत की सराहना करते हुए चेतावनी दी है कि अगर उसके विरूद्घ विभाग की ओर से कोई भी कार्रवाई की गई, तो आंदोलन की राह लेते हुए संघ सड़क की लड़ाई लड़ेगा।