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बस्तर का दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी गौर बायसन देखा गया

बस्तर का दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी गौर बायसन देखा गया
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कांकेर। जिले के नरहरपुर विकासखंड के ग्राम बादल में शनिवार की सुबह लोगों ने बस्तर में पाये जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणी एक गौर बायसन को मैदान में घास चरते देखा। बायसन को देखने के लिए वहां ग्रामीणों की भीड़ इकठ्ठा होने लगी। लोगों ने इतने बड़े आकार के मवेशी को कभी आस-पास नहीं देखा था। वन विभाग के अमले को भी इसकी सूचना दी गई है। मौके पर वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे हैं। बायसन को वापस सुरक्षित स्थल पर भेजने का प्रयास किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ समय से जिले के अलग-अलग गांवों में गौर बायसन लोगों ने देखे हैं। बहुत से लोगों का कहना है कि यह वनभैंसा है, लेकिन जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह गौर बायसन की हैं। कुछ दिन पहले भी चारामा क्षेत्र में लोगों को इसी तरह का बड़े आकार का गौर बायसन देखा गया था। बस्तर के जंगलों में पाये जाने वाले गौर बायसन दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बड़े आकार का गोजातीय पशु है। आज इसकी सबसे बड़ी आबादी भारत में बस्तर इलाके में पाई जाती है। गौर की मूल रूप से 06 प्रजातियां थीं, जिनमें से अब सिर्फ दो प्रजातियां ही बचीं हैं, जिनमें गौर बायसन और वन भैंसा शामिल हैं। बेहतर वन प्रबंधन एवं संरक्षण के अभाव में बस्तर में बची दोनों प्रजातियां बहुत कम देखने को मिल रही है। मुख्य वन सरंक्षक वन्यप्राणी अभय श्रीवास्तव ने कहा कि बस्तर संभाग के संबंधित वन अमले को इस संबंध में सूचित किया गया है, जिससे गौर बायसन को किसी प्रकार का नुकसान न हो सके, और उसे उसके संरक्षित पर्यावास में सुरक्षित पहुंचाया जा सके। गौर बायसन बस्तर की संस्कृति में शताब्दियों से अपने महत्व को स्थापित करते आ रहे हैं। आदिवासियों के माडिय़ा समुदाय का नाम गौर बायसन नाम के साथ जुड़ा है। माडिय़ा समुदाय के लोग आज भी अपने लोकनृत्य में गौर बायरन के सिंग से बना मुकुट पहनते हैं। गौर बायसन सिंग का मुकूट बस्तर की पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनाता है। यहां आने वाले राजनेताओं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तक को गौर बायसन सिंग का मुकुट पहनाकर सम्मान और स्वागत किया जा चुका है। इसीलिए गौर बायसन मुकुट को बस्तर की पहचान के साथ इसे धारण किया और कराया जाता है। गौर बायसन मुकुट धारण करने वाले माडिय़ा जाति के माडिय़ा को बायसन माडिय़ा भी कहते हैं। दूसरे शब्दों में गौर बायसन मुकुट को बस्तर का मुकुट कहना गलत नहीं होगा। जगदलपुर के दंडामी माडिय़ा चौक में गौर बायसन मुकुट धारण किए गये माडिय़ा की विशान मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा बस्तर के संदर्भ में जीतनी भी जानकारियां उपलब्ध हैं उन सभी में गौर बायसन मुकुट धारण किए माडिय़ा की तस्वीर अवश्य देखने को मिलती है। 


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