बड़ी खबर: कोरबा पहुंची देश की सबसे लंबी ट्रेन ‘वासुकी’, लम्बाई जानकर हो जायेंगे हैरान
कोरबा। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे ने पांच मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर देश की सबसे लंबी ट्रेन ‘वासुकी’ का सफल परिचालन किया है। यह एक नया रिकॉर्ड है।कोयला ढुलाई के लिए इस मालगाड़ी ट्रेन का उपयोग किया जाएगा। इसे भिलाई से कोरबा के बीच चलाया जाएगा. इसकी दूरी 224 किलोमीटर है। हाल ही में ‘शेषनाग’ का भी सफल परिचालन किया जा चुका है, जिसकी लंबाई ढाई किलोमीटर है। शेषनाग, वासुकी के बाद देश की दूसरी सबसे लंबी ट्रेन है।
वासुकी के परिचालन से समय और क्रू स्टाफ की बचत होगी। उपभोक्ताओं को तुरंत डिलीवरी की सुविधा मिलेगी। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे ने भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार 5 मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया है। इस मालगाड़ी की कुल लंबाई 3.5 किलोमीटर के लगभग है।
फ्रेट ट्रेनों के परिचालन समय को कम करने, क्रू-स्टाफ की बचत और उपभोक्ताओं को तुरंत डिलीवरी के लिए लंबी मालगाड़ियों का परिचालन किया जा रहा है। 29 जून 2020 को तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर लॉन्ग हॉल सुपर एनाकोंडा (शेषनाग) गाड़ी का परिचालन किया गया था। 22 जनवरी 2021 को रायपुर रेल मंडल के भिलाई डी केबिन से कोरबा तक पांच लॉन्ग हाल रैक (वासुकी) का परिचालन किया गया। इस मालगाड़ी में 300 वैगनों को जोड़कर लॉन्ग हाल रैक को चलाया गया। इस लॉन्ग हाल मालगाड़ी ने भिलाई डी केबिन से कोरबा स्टेशन तक का सफर 7 घंटे से भी कम समय में तय किया। इस प्रक्रिया में केवल 1 लोको पायलट, 1 सहायक लोको पायलट और 1 गार्ड की आवश्यकता पड़ी।
सिंगल-सिंगल 5 रैक चलाने से 5 लोको पायलट, 5 सहायक लोको पायलट और 5 गार्ड की आवश्यकता होती है। सुपर शेषनाग में 1 लोको पायलट, 1 सहायक लोको पायलट और 1 गार्ड की मदद से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। फोर्थ लॉन्ग हॉल रैक के परिचालन से क्रू-स्टाफ की बचत और रेलवे ट्रैक का सही इस्तेमाल हो रहा है।