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जाति प्रमाण पत्र के विरूद्ध कलेक्टर का नोटिस नहीं मिला, प्रदेश सरकार द्वेषवश कार्यवाही कर रही: ऋचा जोगी

 जाति प्रमाण पत्र के विरूद्ध कलेक्टर का नोटिस नहीं मिला, प्रदेश सरकार द्वेषवश कार्यवाही कर रही: ऋचा जोगी
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रायपुर। जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी के पत्नी को लेकर भाजपा नेता संतकुमार नेताम द्वारा फिर एक बार जाति के मुद्दे को लेकर सार्वजनिक रूप से बयान दिया गया है। जिस पर ऋचा जोगी ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कि प्रदेश सरकार जानबूझकर उन्हें  परेशान कर रही है। आधारकार्ड में दिए गए पते के आधार न तो उन्हें जाति संबंधी मामले में कलेक्टर मुंगेली का कोई नोटिस मिला है और न ही उन्हें जाति संबंधी विवाद को लेकर उनके विरूद्ध की गई शिकायत की प्रति उपलब्ध कराई गई है। 

 
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी और प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की बहु डॉ. ऋचा जोगी ने उनकी जाति पर छिड़े विवाद पर आज कहा कि जाति प्रमाण पत्र बनवाते समय जो पता उन्होंने दिया था– न ही उस पते पर और न ही उनके आधार कार्ड में दर्ज पते पर मुंगेली कलेक्टर द्वारा कोई नोटिस भेजा गया है। उनके जाति प्रमाण पत्र के विरुद्ध की गयी शिकायत की प्रति भी उन्हें उपलब्ध नहीं करवाई गयी है। डॉ. ऋचा जोगी ने कहा कि मुंगेली कलेक्टर द्वारा जारी किये गए तथाकथित नोटिस की सूचना उन्हें विभिन्न समाचार पत्रों से मिली है और इस वजह से उन्हें लोगों के सामने अपमानित महसूस हो रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की मनमर्जी के मुताबिक द्वेषपूर्ण तरीके से उन्हें अंधेरे में रख के उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।

 
डॉ. ऋचा जोगी ने मुंगेली कलेक्टर से मांग की है कि उन्हें यह तथाकथित नोटिस और उनके जाति प्रमाण पत्र के विरुद्ध की गयी शिकायत की प्रति उपलब्ध करवाई जाए जिसका अध्यन कर वे अपना पक्ष रख सकें। 24 सितम्बर 2020 को जारी किये गए नोटिफिकेशन के नियम 14 (1) के तहत राज्य सरकार को सात सदस्यीय जिला स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति का गठन करना है। इस समिति का गठन अभी तक नहीं हुआ है। 24 सितम्बर 2020 को जारी किये गए संशोधन के नियम 22 (1) के तहत फॉर्म 6 क्च के पैराग्राफ 3 के तहत क्यों न आपका जाति प्रमाणपत्र रद्द कर दिया जाए जैसा नोटिस देने का अधिकार केवल हाई पावर प्रमाणपत्र स्क्रूटिनी कमिटी को ही है। इसलिए जिला स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति और उसके द्वारा जारी किया गया तथाकथित नोटिस दोनों ही गैर कानूनी हैं।

 
डॉ. ऋचा जोगी ने कहा कि इन सबके बावजूद वे उन सभी दस्तावेजों की प्रति जिला छानबीन समिति को भेज रही हैं, जिन दस्तावेजों के तहत उन्हें कांग्रेस की इसी राज्य सरकार द्वारा यह जाती प्रमाण पत्र जारी हुआ था। इन दस्तावेजों में परिवार वालों के जाति प्रमाण पत्र जिनके द्वारा उन्होंने सरकारी नौकरी की है, भूमि राजस्व रिकॉर्ड, वंश वृक्ष आदि शामिल हैं। यदि यह जाति प्रमाण पत्र गलत जारी हुआ है तो यह राज्य सरकार की पूर्ण रूप से अक्षमता को दर्शाता है। डॉ. ऋचा जोगी ने मांग कि है की उन्हें मीडिया में घूम रहे 29 सितम्बर 2020 के नोटिस और उनके जाति प्रमाण पत्र के विरुद्ध दर्ज की गयी शिकायत की प्रति उनके जाति प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन के दर्ज पते पर उपलब्ध करवाई जाए। साथ ही मुंगेली जिले में जिला स्तरीय प्रमाणपत्र छानबीन समिति के गठन का राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन और व्यक्तिगत रूप से सुनवाई का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि नोटिस प्राप्त होने के बाद अधिसूचना के अनुसार कम से कम 10 दिनों का समय उन्हें अपना जवाब तैयार करने के लिए दिया जाए।

 
डॉ. ऋचा जोगी ने कहा कि चूँकि हाल ही में उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया है जिन्हे ब्रेस्ट फ ीड और माता द्वारा निरंतर देखभाल की जरुरत है और साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए वे पूर्ण रूप से होम आइसोलेशन में हैं। इस वजह से वे 08 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से मुंगेली में छानबीन समिति के समक्ष मौजूद नहीं हो पा रही हैं। डॉ. ऋ चा जोगी ने कहा कि नोटिस और अन्य दस्तावेज मिलने के बाद जब भी छानबीन समिति उन्हें बुलाएगी वे सुनवाई में उपस्थित हो जाएंगी।


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