जनरल प्रमोशन ने बढ़ाई माशिमं अफसरों की चिंता: 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में लाखों परीक्षार्थी होंगे शामिल
रायपुर। माध्यमिक शिक्षा मंडल के लिए इस बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करना काफी मुश्किल साबित हो सकता है। इस बार बोर्ड परीक्षा में गत वर्ष की अपेक्षा करीब 3 लाख परीक्षार्थी ज्यादा हो सकते हैं। इसका मुख्य कारण इस बार 9वीं और 11वीं के छात्रों को मिला जनरल प्रमोशन है।
कोरोना के चलते इस वर्ष 9वीं और 11वीं के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया गया है। लिहाजा जनरल प्रमोशन पाने के कारण इस वर्ष कोई भी छात्र अथवा छात्रा फेल नहीं हुए हैं और वे वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र हैं। इस लिहाज से वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए फरवरी अंत अथवा मार्च के शुरूआती दिनों में शुरू होने वाले 10वीं-12वीं के बोर्ड परीक्षा में करीब 3 लाख परीक्षार्थी बढ़ जाएंगे। गत वर्ष बोर्ड परीक्षा में करीब साढ़े छह लाख परीक्षार्थी बोर्ड के परीक्षा में शामिल हुए थे।
बोर्ड की ओर से इन सभी छात्रों के लिए हजारों की संख्या परीक्षा केन्द्र भी बनाया गया था। लेकिन अब होने वाले बोर्ड परीक्षा में लाखों परीक्षार्थियों के अचानक बढ़ जाने व परीक्षा केन्द्र तय करने के लिए बोर्ड के अधिकारी अभी से चिंता में डूब गए है। इतने सारे बच्चों के लिए एक साथ परीक्षा आयोजित करना और उनके लिए परीक्षा केन्द्र बनाया जाना काफी मुश्किल भरा काम होने वाला है। हालांकि शिक्षा विभाग के सूत्रों की माने तो छोटे कक्षाओं के लिए अभी शैक्षणिक संस्थान खोलने पर कोई भी ठोस निर्णय नहीं हुआ है। जानकारों की माने तो कोई भी छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर खतरा मोल लेना नहीं चाहता। अब तक कोरोना का टीका उपलब्ध नहीं है।
ठंड का मौसम अब जनवरी-फरवरी माह तक बना रहेगा। इसके कोरोना फैलने का डर सबसे ज्यादा है। ऐसे में अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। बहरहाल बोर्ड के अफसर अब इस चिंता में हैं कि बोर्ड एग्जाम के लिए वे क्या बेहतर कर सकते हैं, क्योंकि बोर्ड एग्जाम तक भी टीका उपलब्ध हो जाएगा और बच्चों को टीका लग जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में कोरोना के लिए तय प्रोटोकाल का पालन करते हुए परीक्षा आयोजित करना वर्तमान में टेढ़ी खीर नजर आ रहा है।