लॉकडाउन में बंद स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर हो रही जमकर वसूली, पालकों ने जबरिया फीस वसूली पर जताई आपत्ति
रायपुर। कोरोना पॉजिटिव कोविड 19 नामक विश्वव्यापी महामारी के चलते प्रदेश में हर दिन मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि के कारण छत्तीसगढ़ सहित देश के अधिकांश प्रदेशों में इन दिनों लॉकडाउन के दौरान कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए स्कूल कॉलेज अनिश्चित काल के लिए बंद किये गये हैं। प्रदेश के निजी स्कूलोंं ने बंद स्कूलों में कमाई का नया जरिया निकालते हुए नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों से ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर वसूली का काम शुरू किया है।
जिसके चलते पालकों में बेहद आक्रोश है। ज्ञातव्य है कि गुजरात की तर्ज में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूली शिक्षा विभाग में भी बंद स्कूलों में मासिक शुल्क वसूली पर स्कूल प्रबंधनों पर प्रतिबंध लगाते हुए कोरोना काल में शुल्क नहीं लेने का आदेश जारी किया है। बावजूद इसके आए दिन सोशल मीडिया में एवं पालकों से मिली जानकारी के अनुसार स्कूल प्रबंधनों द्वारा अपने स्टाफ के वेतन के नाम पर पालकों से जबरिया वसूली की जा रही है। निजी स्कूलों में अधिकांशत: सीबीएसई बोर्ड दिल्ली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से रिजन के अनुसार पंजीकृत है।
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भी इस संबंध में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के माध्यम से बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों द्वारा ऑनलाइन वसूली पर प्रतिबंध लगाया गया है। रायपुर पैरेंट्स एसोसिएशन की वरिष्ठ सदस्य सुरिंदर कौर चावला एवं छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पाल ने मुख्यमंंत्री एवं प्रधानमंत्री से कोरोना काल में सीबीएसई अथवा राज्यस्तर पर संचालित निजी स्कूलों द्वारा की जा रही ऑनलाइन पढ़ाई की वसूली के नाम पर उगाही तत्काल रोकने की मांग की है। स्कूल प्रबंधनों द्वारा आदेश की उपेक्षा करने पर दोषी स्कूल प्रबंधनों का पंजीयन तत्काल निरस्त करने की मांग की है।