नववर्ष के लिए अभी से शुरू हो गया शराब का अवैध संग्रहण, एमपी से भी अवैध परिवहन हो गया है प्रारंभ
भिलाई। नववर्ष की जश्न के लिए शराब का अवैध संग्रहण अभी से शुरू हो गया है। इसके लिए सरकारी शराब दुकानों से अवैध विक्रेता तो खरीद कर रख ही रहे हैं। इसके अलावा महिने के अंतिम तीन दिनों में पुलिस चौकसी बढने के डर से अभी से अवैध शराब विक्रेता मध्यप्रदेश के शराब का अवैध परिवहन भी शुरू कर चुके हैं।
ज्ञात हो कि पुराने वर्ष की विदाई और नये वर्ष के स्वागत की बेला पर 31 दिसंबर की रात कोरोना संक्रमण की आशंका के बावजूद जोरदार जश्न मनाए जाने की संभावना है। इसे देखते हुए शराब के अवैध कारोबार से जुड़े असामाजिक तत्वों की सक्रियता पहले से ज्यादा बढ़ गई है। नववर्ष के जश्न में खपाने के मकसद से अभी से शराब का संग्रहण किया जा रहा है। इस शराब को 31 दिसंबर की रात को सरकारी शराब दुकानों के बंद हो जाने के बाद मुहमांगी कीमत पर बेचकर असामाजिक तत्व मोटी कमाई करने में सफल रहेंगे।
ज्ञात हो कि शराब विक्रय सरकारी स्तर पर आबकारी विभाग के माध्यम से संचालित हो रहा है। बावजूद इसके अवैध खरीदी-बिक्री पर रोक नही लग सकी है। सरकारी शराब की दुकानें सुबह 8 से रात 9 बजे तक खुली रहती है। जबकि रात 9 बजे से सुबह शराब दुकान खुलने के बीच तक शहर के अनेक इलाके में अवैध रूप से इसकी खरीदी बिक्री चलती है। अवैध रूप से इस कारोबार में संलिप्त लोग देशी शराब बेचने को प्राथमिकता में रखते हैं। लेकिन नववर्ष पर मांग बढऩे की उम्मीद से अवैध कारोबारियों ने अंग्रेजी शराब का संग्रहण भी शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि शराब के अवैध कारोबारियो ने इसके अपनी-अपनी टीम बना ली है। यह टीम अलग-अलग शराब दुकानों में दिन भर में कई दफे जाकर विभिन्न ब्रांड के शराब की खरीदी करने में लगी हुई है। खरीदे गए शराब को मुख्य सरगना सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचा रहा है। यह शराब की खेप 31 दिसंबर की रात को निकलेगी।
नववर्ष का जश्न 31 दिसंबर की मध्य रात्रि को मनाया जाता है। इस जश्न के दौरान शराब पीने और पिलाने का दौर चलता है। रात 9 बजे शराब की सरकारी दुकानें बंद हो जाएगी। हालांकि जश्न की पहले से तैयारी कर चुके मदिरा प्रेमी अपनी जरुरत के अनुसार शराब का इंतजाम कर चुके होते हैं। इसके बाद भी कभी-कभी जरुरत बढऩे पर ऐसे लोगों के लिए अवैध कारोबारियों के पास जााने का ही विकल्प बचता है। अवैध कारोबारी ऐसे ग्राहकों से मुंहमांगी कीमत वसूल कर शराब उपलब्ध कराते हैं। इससे अवैध कारोबारियों को मोटी कमाई हो जाती है। इसी वजह से शराब का अवैध संग्रहण धड़ल्ले से शुरू हो चुका है।