नियम तोड़ने वाले हमें धोखा दे सकते हैं, कोरोना को नही : कलेक्टर
कवर्धा । जनता को कोविड महामारी की चपेट से बचाने के लिए शासन व जिलाप्रशासन द्वारा अनवरत जनहित में निर्णय लिए जा रहे हैं। सम्पूर्ण लॉक डाउन हो, ई पास सिस्टम हो या नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट के बाद ही घर से बाहर जाने की अनुमति का निर्णय हो, सबका मूल उद्देश्य जनता को भीड़ में जाने से रोकना है।
कवर्धा कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा है कि आपके लगातार अनुरोध के बाद हमने सबसे अंत में अपने जिले में लॉक डाउन किया। इससे पहले हमने कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता की, ताकि अधिक से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा सके व जिससे समय रहते संक्रमतों का पता चल सके। कोरोना संक्रमितों को सही समय पर उपचारित कर आपातकाल को रोकना प्रशासन का उद्देश्य रहा है। परिणाम स्वरूप कोरोना को हम जिले में नियंत्रण कर पाए। इसके पश्चात अब अचानक लॉकडाउन खोलने से भीड़ बढ़ने व कोरोना का संक्रमण बढ़ने के खतरे के मद्देनजर ई पास सिस्टम लागू किया गया। इसकी अवधारणा अति स्पष्ट थी कि अतिआवश्यक स्थिति में घर से बाहर निकलें। बेवजह घूमने वालों को अवरुद्ध करना हमारा उद्देश्य है। ई-पास में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखकर हमने इसकी अनिवार्यता हटाकर नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट की अनिर्वायता जारी कर दी है। उद्देश्य अब भी यही है कि जनता बेवजह घर से बाहर न निकलें। यदि आप अपना नेगेटिव रिपोर्ट देखकर बेख़ौफ़ बाहर घूमते हैं, तो आपके कोविड संक्रमण का खतरा बढ़ेगा।
लाजमी है कि बहुत से लोग व्यवस्था से नजरें चुराकर बचकर नियमों को तोड़ने की कोशिश करें और यह भी सम्भव है कि ऐसे कुछ लोग प्रशासन की पकड़ से बच जाएं। प्रशासन की मुस्तैदी जनहित के लिए है, जनता की जान जोखिम में न पड़े इसलिए हम व्यवस्थाएं बना रहे हैं। आप हमें धोखा दे सकते हैं, कोरोना को नही। इसकी चपेट में आना नियम तोड़ने वालों के लिए बड़ी सजा होगी, इसका एक दुखद पहलू यह भी होगा कि आपके कारण आपके परिवार व समाज में कोरोना फैल सकता है। इसलिए मानवीय संवेदना को ध्यान में रखकर स्वप्रेरित होकर कोरोना गाइड लाइन का पालन करें और अपने दायरे के सभी लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।