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प्रदेश के 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मिला नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन अवार्ड

प्रदेश के 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मिला नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन अवार्ड
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रायपुर | छत्तीसगढ़ के सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर सेनेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन अवार्ड दिया गया है। कोरोना वायरस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन वर्चुअली (ऑनलाइन माध्यम से) किया। इस सर्टिफिकेशन के लिए केंद्र की गठित टीम ने चिन्हित स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाओं को कई बिन्दुओं पर जांचा और उन सभी पैमानों पर खरा उतरने के बाद ही छत्तीसगढ़ के सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को यह सर्टिफिकेशनप्रदान किया है।यह सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों की सुविधाओं को एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स) के मानकों के अनुरूप बेहतर और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाता है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुविधा बढ़ाने को लेकर कई काम किए गए हैं।
इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भारत सरकार की अपर सचिव एवं मिशन निदेशक वंदना गुरुनानी ने छत्तीसगढ़ की अपर स्वास्थ्य सचिव रेनू पिल्लई को एक पत्र जारी कर सूचित भी किया है।
00 इन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मिला है नेशनल क्वालिटी एश्योरेंससर्टिफिकेट
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट मिलने वालों में सरगुजा के दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र- लून्दरा एवं रघुनाथपुर, कोरिया का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खडगवां, बेमेतरा का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र देओरविजा, रायपुर का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मंदिर हसौद, जांजगीर का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राहोद एवं महासमुंद जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेवा हैं। कोरिया जिले के खडगवां एवं महासमुंद जिले के पटेवा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को कुछ शर्तों के आधार पर यह सर्टिफिकेशन अवार्ड दिया गया है।
00 इतने प्रतिशत अंक हासिल कर मिला सर्टिफिकेट
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लून्दरा, सरगुजा -94.42, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रघुनाथपुर, सरगुजा- 90.95, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खडगवां, कोरिया- 84.95, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र देओरविजा, बेमेतरा- 74.92, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मंदिर हसौद, रायपुर- 94.44, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राहोद, जांजगीर - 86.36 तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेवा, महासमुंद -82.02 प्रतिशत अंक।
00 नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशनप्राप्त करने को लाने होते हैं 70 फीसदी से अधिक अंक
नेशनल क्वालिटी सर्टिफिकेट के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों को 70 फीसदी से ज्यादा अंक लाने होते हैं। भारत सरकार ने देशभर के अस्पतालों में मरीजों से जुड़ी सुविधाएं बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एनक्यूएएस बनाया है। इसमें 8 बिंदुओं पर अस्पताल का मूल्यांकन किया जाता है। चेकलिस्ट के आधार पर सुविधाओं का आंकलन किया जाता है ताकि छोटी से छोटी सुविधा का भी मूल्यांकन हो सके।
00 इन बिंदुओं पर होता है आंकलन
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं, सफाई व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, डाक्टरों की संख्या आदि के आधार पर अस्पतालों का सर्टिफिकेशन करती है। इसके होने के बाद अस्पतालों को अपने आप को उनके स्टैंडर्ड्स के हिसाब से मेंटेन भी करना पड़ता है। क्लीनिकल सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टाफ, पेशेंट वेटिंग एरिया, अस्पताल में वेंटिलेशन, प्रति बेड डॉक्टर और नर्स की संख्या, ओटी में तीन अलग-अलग जोन हैं या नहीं, एयर फिल्टर, तापमान, इंफेक्शन कंट्रोल के उपाय, ऑपरेशन में प्रोटोकाल का पालन, डॉक्टर व स्टाफ को इंफेक्शन कंट्रोल के बारे में जानकारी, मरीज को इलाज में कितना समय लगा आदि। इन बिंदुओं पर आकलन करने के बाद ही मूल्यांकन दल द्वारा अंक दिए जाते हैं।
स्वास्थ्य केन्द्रों को जब यह सर्टिफिकेट मिलता है तो भारत सरकार की ओर सम्बंधित स्वास्थ्य केंद्र को अतिरिक्त धनराशि देने का भी प्रावधान है ताकि स्वास्थ्य केन्द्रों की गुणवत्ता को और मजबूत किया जा सके । इस राशि को स्वास्थ्य केन्द्रों की सुविधाओं को बढ़ाने में खर्च किया जाता है।
 



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