राजधानी में एक मकान मालिक ने नर्स को घर से निकाला, नर्स ने कलेक्टर से की शिकायत, जाने क्या थी घर से निकलने की वजह
रायपुर | कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए जहां देश परदेश में मेडिकल क्षेत्र में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा हजारों मरीजों की जान बचाने के लिए दिन रात समर्पित भाव से सेवा की जा रही है। वहीं कुछ भवन मालिक चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को महामारी कोरोना से घबराकर घर खाली करने के लिए कह रहे हैं। डीडी नगर थाने से मिली जानकारी के अनुसार जगन्नाथ हास्पिटल रायपुरा में कार्यरत स्टाफ नर्स डिलेश्वरी साहू 23 वर्ष पिता रेखराम साहू निवासी विकास विहार कालोनी रायपुरा किराये के मकान में रहती थी। जिसे मकान मालिक पंकज चंद्राकर ने अस्पताल जाने के लिए मना किया। प्रार्थिया द्वारा सेवा कार्य बंद नहीं करने पर भवन मालिक द्वारा उसे तत्काल प्रभाव से मकान खाली करने के लिए कहा गया। उक्त मामले में डीडी नगर थाने ने मकान मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला कायम कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
गौरतलब है कि उक्त मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भी चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ से मकान खाली कराने की धमकी किराये में रह रहे लोगों को दी जा रही है। जिस पर आईएमए एसोसिएशन रायपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों एवं छत्तीसगढ़ निजी हास्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने जिला प्रशासन से ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. योगेश चंद्र मिश्र एवं डॉ. चंद्रमणी तिवारी ने भी कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई के दौरान उक्त कार्रवाई की तीखे शब्दों में निंदा करते हुए प्रार्थिया के मामले में जिला कलेक्टर से तत्काल संज्ञान लेकर ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक रायपुर को कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है।