रथ यात्रा के बाद अब कांवर यात्रा पर भी कोरोना का लगा ग्रहण, 6 जुलाई से लगेगा सावन
महासमुंद | कोरोना वायरस के चलते इस बार धार्मिक आयोजन पर ग्रहण लग गया है। नवरात्र में पहली बार भक्तों ने अपने-अपने घरों में पूजा-अर्चना कर पर्व का मनाया। नवरात्र में नौ दिनों तक मंदिर में प्रवेश वर्जित था। मुस्लिम भाइयों ने भी कोरोना के चलते ईद का पर्व उत्साह से नहीं मनाया। अब 23 जून को हिंंदुओं का बड़ा पर्व रथ यात्रा है। यह पर्व भी कोरोना के चलते फीका पड़ गया। ग्रामीण अंचल से लोग शहर में दर्शन के लिए नहीं आ सकते, क्योंकि पहली बार महाप्रभु की रथ यात्रा पर रोक लग गई है। मंदिरों में ही दर्शन होंगे, वे भी नियमों व शर्तों के अनुसार। रथ यात्रा पर्व के बाद 6 जुलाई को सावन लग रहा है। सावन महीने में शिव भक्तों का अलग ही उत्साह रहता है। भक्त कांवर में जल लेकर 40 किमी की दूरी तय कर सिरपुर स्थित गंधेश्वर महादेव में जलाभिषेक करते हैं। इस बार प्रदेश में धारा 144 लागू है। वहीं लॉकडाउन भी चल रहा है। इसके तहत कांवर यात्रा इस वर्ष नहीं हो पाएगी। सिरपुर, कनेकेरा, बम्हनी दलदली के महादेव मंदिर जाने वाले शिवभक्त कांवर यात्रा नहीं कर पाएंगे। वहीं कोरोना की वजह से प्रशासन की ओर से लगाई पाबंदी को देखते हुए बोलबम समिति की बैठक नहीं हो पाई है। सावन लगने में सिर्फ पखवाड़े भर का समय शेष रह गया है। 6 जुलाई से सावन माह प्रारंभ होने जा रहा है, लेकिन आयोजन को लेकर बोलबम कांवर यात्रा समिति की फिलहाल अभी तक बैठक ही आहूत नहीं हो पाई है। समिति अध्यक्ष थनवार यादव का कहना है कि आगामी रविवार को समिति की बैठक आहूत की गई है। आयोजन नहीं करने समिति सदस्यों को जानकारी दी जाएगी और चर्चा की जाएगी। प्रशासन ने जब रथयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी है तो कांवर यात्रा के लिए अनुमति मुश्किल है।