अंशकालीन व्याख्याता के रूप मे सेवारतो ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को ईमेल एवं उनके फ़ेसबुक पेज के माध्यम से लगाई गुहार,क्या है पूरा मामला पढ़े
छत्तीसगढ़ में शिक्षको की कमी के चलते अधिकाश विश्वविद्यालयो और शासकीय महाविद्यालयों जिसमे इंजीनियरिंग महाविद्यालय भी शामिल है में अंशकालिक या जनभागीदारी से शिक्षको की नियुक्ति की जाती है जिसमे उन्हें मानदेय प्रति पियरेड की दर से दिया जाता है चुकि अभी लॉक डाउन के कारण कक्षाए नही लग रही है ऐसे में उन शिक्षको को पारिश्रमिक भी नही मिलेगा ऐसे में लगभग 330 परिवारों के प्रभावित होने की आशंका है,आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने श्रमिक वर्ग , दैनिक वेतनभोगी वर्ग के लोगो को लिए राहत की घोषणा तो की है मगर इन जैसे लोग इस में छुट गए है इसी बात को मुख्यमंत्री जी के ध्यान में लाने अंशकालीन व्याख्याता उन्हें ईमेल तथा facebook के माध्यम से सूचित कर रहे है जिससे इस विपत्ति के समय उनकी मदद हो सके
क्या कह रहे है अंशकालिक प्राध्यापक
माननीय श्री भूपेश बघेल जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ ,विश्व अभी एक महामारी Corona वायरस से लड़ाई कर रहा है जिसके चलते भारत में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लॉक डाउन का आदेश जारी किया गया है जिसका हम सब भी पूरी ईमानदारी से पालन कर रहें हैं।जिसमें आपके द्वारा बहुत अच्छी कदम छत्तीसगढ़ वासियों के हित के लिए उठाया गया है जिसमें श्रमिक वर्ग , दैनिक वेतनभोगी और कुछ अन्य संघ है महोदय जी मै अवगत करना चाहूंगा की छत्तीसगढ़ के शासकीय इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजो में अंशकालीन शिक्षक कार्यरत है जिनका माह की सैलरी क्लास के अनुसार देय होता है इस लॉक डाउन की वजह से सभी स्कूल और कॉलेज बंद किए गए है जिस कारण अंशकालीन शिक्षक की सैलरी नहीं बनाई जा सकती इन सभी अंशकालीन शिक्षकों में प्रायः सभी लोगो के परिवार का जीवन यापन निर्भर करता है।
संघ ने महोदय जी से विनम्र निवेदन किया है कि ऐसी व्यवस्था आपके द्वारा अपनाई जाए कि सभी अंशकालीन शिक्षकों के लिए लाभकारी हो।क्योकि इस लॉक डाउन के कारण सभी एक साथ न मिलकर अलग अलग मेल कर अपनी मांगे उन तक रक् रहे है
जय हिन्द जय भारत जय छत्तीसगढ़