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राजधानी के एसबीआई शाखा में पता बदलवाने गए पत्रकार को बैंक कर्मियों ने धक्के मारकर निकाला, जाने पूरी खबर

राजधानी के एसबीआई शाखा में पता बदलवाने गए पत्रकार को बैंक कर्मियों ने धक्के मारकर निकाला, जाने पूरी खबर
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रायपुर | छत्तीसगढ़ की एसबीआई शाखाओं में ग्राहकों के साथ दुव्र्यवहार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसा ही एक मामला राजधानी रायपुर स्थित, पंडरी शाखा में सामने आया. जहां चार चक्कर काटने के बाद भी एक पत्रकार अपने ही खाते का पता नहीं बदलवा सका, बल्कि खाते से पता बदलवाने आए पत्रकार को बैंक कर्मचारियों ने धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। 

ज्ञात हो कि पत्रकार सत्येंद्र सिंह का खाता पंडरी के एसबीआई बैंक में है, जहां वह करीब बीस दिन पहले अपने खाते का एड्रेस बदलवाने के लिए गए थे। बैंक का फॉर्म भरने के साथ ही बतौर सबूत उन्होने अपने घर के बिजली बिल की कॉपी भी साथ में संलग्न की थी। बैंक अधिकारियों के आश्वासन के बाद वह बैंक से फॉर्म जमाकर वापस आ गए। करीब पंद्रह दिन बाद जब उनके घर एटीएम नहीं पहुंचा, तो वह वापस बैंक पहुंचे, जहां करीब 45 मिनट लाइन में लगने के बाद वह काउंटर पर पहुंचे तो बैंक का लंच टाइम हो चुका था, उन्हें बैंक की महिला अधिकारी ने बताया कि उनका फॉर्म रिजेक्ट हो गया। वजह पूछने पर वजह नहीं बताई गई। 
बैंक के वरिष्ट अधिकारी वंशी लाल ने बताया कि लंच के बाद जानकारी देंगे। फिलहान नहीं बता सकते है। इसके बाद वे वापस चलेा गये, एक बार फिर पांच दिन बार दिनांक 29 फरवरी को वह वापस पहुंचे तो उन्हें दोबारा से फॉर्म भरने के लिए कहा गया. उन्होंने फॉर्म भी भर दिया, लेकिन जब उन्होने पिछला फॉर्म रिजक्ट होने की वजह पूछी तो, बताया गया बिजली का बिल मान्य नहीं है. इसके बाद उन्होने गैस कनेक्शन की रसीद भी उन्हें दी। तब उन्हें बताया गया कि वह भी मान्य नहीं। इसके बाद जब पत्रकार ने इसके बारे में लिखकर मांगा तो बैंक कर्मी भड़क गए। बैंक अधिकारी बंशीलाल सहित दूसरे बैंक कर्मियों ने उन्हें बैंक से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। पत्रकार हूं बोलने पर बंशीलाल कहते हैं जहां छापना है छाप देना, मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ पाएगा। घेरेबंदी के दौरान पत्रकार सिंह की बात सुनने के लिए किसी भी बैंक कर्मचारी अथवा अधिकारी ने जहमत उठाने की जरूरत नहीं समझी। 
गौरतलब है कि आए दिन बैंक संस्थानों द्वारा खातेदारों की समस्याओं को सुलझाने के लिए शिविर/ग्राहक मिलन समारोह का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। बावजूद इसके खातेदार की समस्या को नजर अंदाज करते हुए बैंक अधिकारियों ने जिस तरीके से सिंह के साथ दुव्र्यवहार किया वह बैंकिंग की ग्राहकों के साथ की जा रही डिलिंग पर सवालिया निशान लगाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैैंकों की भूमिका बैकिंग सिस्टम के नाम पर जटिलता पैदा करने की ही रह गई है। अधिकांश खातेदार कई बार बैंकिंग सिस्टम में हो रहे लेनदेन को नहीं समझ पाते हैं। जिसे समझाने के बजाए ग्राहक से दुव्र्यवहार किया जाता है। उक्त मामले में आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. चन्द्रमणी तिवारी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर से पंडरी एसबीआई शाखा के कर्मियों के द्वारा समस्या सुलझाने के नाम पर पत्रकार सिंह के साथ किए गए दुव्र्यवहार की कड़ी जांच करने की मांग की है। 
 


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