बड़ी खबर: कलयुगी पुत्र ने की अपने पिता की हत्या, जानिए आखिर क्या थी वजह
धमतरी। थाना नगरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम खरखा निवासी प्रार्थी शांतु राम कमार पिता दुल्लू राम कमार ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि बीती रात्रि करीबन 11.30-12.00 बजे पारिवारिक विवाद के चलते सदाराम कमार अत्यधिक आक्रोश में आकर अपने पिता सुलाल कमार के सिर में फर्शी पत्थर से प्राणघातक वार कर संघातिक चोट पहुंचाया, जिससे मौके पर उसके चाचा सुलाल कमार का भेजा बाहर आ गया और लहूलुहान घर के सामने मृत पड़ा है। उक्त रिपोर्ट पर आरोपी सदाराम कमार के विरुद्ध धारा 302 भादवी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त गंभीर अपराध की सूचना पुलिस अधीक्षक बी.पी. राजभानु को मिलने पर घटनास्थल से भौतिक व परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्रित कर तत्काल वैधानिक कार्यवाही करने तथा आरोपी की पता तलाश कर गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मनीषा ठाकुर रावटे के मार्गदर्शन व पुलिस अनुविभागीय अधिकारी नगरी नीतिश ठाकुर के दिशा निर्देश में थाना प्रभारी नगरी अपने स्टाफ के साथ तत्काल रवाना होकर घटनास्थल को सुरक्षित करते हुए शव पंचनामा कार्यवाही उपरांत शव को पीएम हेतु रवाना कर भौतिक एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य एकत्र किया गया। आरोपी सदाराम कमार घटना के बाद फरार हो गया जिसकी लगातार पतासाजी की जा रही थी। थाना प्रभारी नगरी विनय कुमार पम्मार के नेतृत्व में गठित टीम घेराबंदी करते हुए आस-पास के गांव में आरोपी की लगातार पतासाजी कर रही थी। नक्सल प्रभावित ग्राम में नगरी पुलिस की सक्रियता और चौतरफा घेराबंदी कर दबिश देने पर आरोपी घने जंगल में छिपा हुआ मिला, जिसे हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया। आरोपी ने पारिवारिक विवाद के चलते फर्शी पत्थर से अपने पिता के सिर में वार कर हत्या करना स्वीकार किया। विवेचना क्रम में प्रार्थी-गवाहों के कथन, अपराध स्वीकारोक्ति, मेमोरेंडम कथन एवं उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी सदाराम कमार को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड हेतु माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है। गिरफ्तार आरोपी का नाम सदाराम कमार पिता सुलाल कमार, उम्र 18 वर्ष साकिन ग्राम खरखा थाना नगरी जिला धमतरी संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी नगरी विनय कुमार पम्मार, उपनिरीक्षक संतोष साहू, सहायक उपनिरीक्षक एनआर साहू, गोविंद राजपूत, प्रधान आरक्षक रामकृष्ण साहू, आरक्षक आनंद कटकवार एवं आरक्षक चालक हेमलाल ध्रुव का विशेष योगदान रहा।