छत्तीसगढ़: इस जिले में रेमडीसीवीर की कालाबाजारी का हुआ खुलासा, सौदेबाजी का ऑडियो सोशल मीडिया में हुआ जारी
कवर्धा। कोरोना के कहर और लोगो की मौत के बीच जीवनरक्षक इंज्वेक्शन रेमडीसीवीर की कालाबाजारी ने शासन प्रशासन की गतिविधियों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है । चर्चा है की रेमडीसीवीर इंज्वेक्शन की कालाबाजारी में कुछ निजी चिकित्सालयों के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है । जिसके चलते निजी चिकित्सालय भी संदेह के दायरे में आ गए है । रेडमिशिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और स्वास्थ्य विभाग की अलाली कोरोना संक्रमित मरीजों पर भारी पड़ने लगी है ।
गरीब मरीज जहां इंजेक्शन नही जुगाड कर पाने के चक्कर मे भटकते - भटकते मौत के मुंह में जा रहा वंही समर्थ व्यक्ति ब्लेक मार्केट से इंजेक्शन का जुगाड़ कर रहे । रेमडीसीवीर की कालाबाजारी को लेकर शासन प्रशासन का फेल हो चुके सूचना तंत्र ने सवालिया निशान खड़े कर दिए है। कंही इस खेल में बड़े नामी गिरामी लोंगो से साथ साथ किसी स्वास्थ्य विभाग के किसी कर्मचारी या अधिकारी का हाथ तो नही हांलाकि स्वास्थ्य विभाग के अफसर मामले की जांच कर कार्यवाही करवाने की बात कह रहे है । सारे मामले में स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ खाद्य व औषधि विभाग की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है ।
मिली जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय के भारत माता चौक स्थित नामी गिरामी मल्टीस्पेसिलिटी हॉस्पिटल के एक कर्मचारी का नाम रेडमिशिविर की कालाबाजारी में सामने आया है, जिसका ऑडियो भी वायरल हुआ है । जिसमे कर्मचारी रेडमिसिविर इंजेक्शन ब्लेक मार्केट में लगभग 25 हज़ार में उपलब्ध कराने की बात कर रहा है । मामले के खुलासे के बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है । खुलासे के बाद ही हॉस्पिटल संचालक डॉ विनय बिसेन ने हॉस्पिटल की बदनामी से बचने मामले के संज्ञान में आते ही संदिग्ध आरोपी कर्मचारी को तत्काल हॉस्पिटल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है । उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए खुलासे पर बधाई देते ऐसे व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कहा कि ऐसे लोगो को किसी कीमत पर बख्सा नही जाना चाहिए ।