स्वयंभू नेताओं के संरक्षण में सरकारी जमीन पर बन गया कांप्लेक्स, प्रशासन को भनक तक नही
रायगढ़, पुसौर में स्टे के बाद भी लाखों की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया। मुख्य मार्ग पर हॉस्पिटल के ठीक सामने एक रसूखदार ने सरकारी जमीन पर अवैध कांप्लेक्स का निर्माण कर लिया है। विवादित जमीन पर न सिर्फ नगर पंचायत और तहसील न्यायालय का स्टे है बल्कि हाईकोर्ट में भी मामला लंबित है लेकिन पुसौर के कुछ स्वयंभू नेताओं के संरक्षण में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किया जा रहा है ।
बताया जा रहा है कि पूरे लाकडाउन में उक्त अवैध निर्माण कार्य चलता रहा लेकिन किसी भी अधिकारी ने निर्माण पर कार्रवाई नहीं की। आलम यह है कि लाखों की सरकारी जमीन पर कांप्लेक्स का कार्य लगभग पूर्णतया की ओर है और छत ढलाई का काम किया जा रहा है। जहां एक ओर सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त किया जाना है वहीं पुसौर में खुलेआम एक रसूखदार को अवैध कब्जा करने की खुली छूट दे दी गई है।
जानकारी के मुताबिक पुसौर में विजय अग्रवाल पिता स्व भीमसेन अग्रवाल द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर कांप्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है। जब से उक्त जमीन पर अवैध निर्माण की शुरुआत की गई है तभी से यह मामला विवादों में है। राधे संवरा ने इस जमीन को अपना बताते हुए पुसौर तहसील, एसडीएम न्यायालय, एडीएम न्यायालय व संभागायुक्त न्यायालय में अवैध निर्माण को लेकर आपत्ति लगाई थी लेकिन कई साल बाद भी राधे संवरा को न्याय नहीं मिला। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में मामला दाखिल कराया है जो वर्तमान में लंबित है । खसरा नंबर 886/1 के आधिपत्य को लेकर राधे संवरा के शिकायत पर पुसौर तहसील और नगर पंचायत ने विजय अग्रवाल पिता स्व भीमसेन अग्रवाल को मामले का निराकरण होते तक किसी भी तरह के निर्माण में स्टे भी दिया है लेकिन रसूख के दम पर और कुछ स्वयंभू नेताओं के संरक्षण में लगातार निर्माण कार्य जारी रहा।
लॉकडाउन का उठा लिया फायदा
जब लाकडाउन था उस दौरान भी अवैध निर्माण जारी रहा। अधिकारी ताकते रहे और देखते ही देखते लाखों के सरकारी जमीन पर कांप्लेक्स बन कर तैयार हो गया। अब अवैध निर्माणकर्ता कांपलेक्स में छत ढलाई की तैयारी कर रहा है। जबकि दूसरे पक्ष राधे संवरा ने हर बार स्टे के बावजूद निर्माण कार्य जारी होने की लगातार शिकायत की, नगर पंचायत के स्टे की अवमानना को लेकर मामला पुलिस के पास भी गया लेकिन रसूख और राजनैतिक दबाव के कारण किसी ने भी अवैध निर्माण को रोकने का दम नहीं दिखाया।
राज्य शासन जहां एक ओर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटाकर विधिवत भू भाटक लेकर पटृटा जारी करने का आदेश दिया है वहीं पुसौर नगर पंचायत के अधिकारी और तहसील कार्यालय के अधिकारी अपने नाक के नीचे हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में भी विफल दिखाई दे रहे हैं ऐसे में शासन को बडे पैमाने पर राजस्व का नुकसान हुआ है जब कभी भी कार्रवाई की बारी आती है तो तहसील और नगर पंचायत एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप देते हैं बहरहाल स्टे के बाद भी किए जा रहे अवैध निर्माण से दूसरा पक्ष को कानून का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
क्या कहते हैं एसडीएम :
एसडीएम युगल किशोर उर्वशा कहते हैं कि नगर पंचायत पुसौर सीएमओ को मामले को दिखवाने कहा है। अवैध निर्माण पर जरूर कार्रवाई होगी।