कोरोना का ऐसा खौफ 14 घंटे पड़े रहा शव, गृह मंत्री के बंगले में लगाना पड़ा फोन
दुर्ग,एक ढाबा के कुक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद शव खुले आसामान के नीचे 14 घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा। मौके पर पहुंची पुलिस लगातार स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम में फोन करते रही, लेकिन पुलिस को किसी तरह की मदद नहीं मिली। मंगलवार सुबह 11 बजे मशक्कत के बाद जैसे तैसे स्वास्थ्य विभाग की टीम रसमड़ा पहुंची और शव को पॉलीथीन में लपेटकर शवगृह पहुंचाया।
जानकारी के मुताबिक कुक हरिदास सोमवार को लिफ्ट लेकर देवरी (महाराष्ट्र) से सीधे रसमड़ा राजस्थानी ढाबा पहुंचा था। वह लॉकडाउन अवधि के दौरान देवरी में था। लंबे समय बाद लौटने की वजह से ढाबा संचालक ने पहले मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल जाने के लिए कहा था।
इसी बीच कुक ने आराम करने की बात कहते हुए ढाबा के सामने बिछे चारपाई पर लेट गया। रात लगभग 9 बजे ढाबा के कर्मचारियों ने जब हरिदास को अवाज दी तो टस से मस नहीं हुआ। पानी डालने के बाद भी शरीर मे जब हरकत नहीं हुई तो ढाबा संचालक ने अंजोरा पुलिस को सूचना दी। कुक की मौत के बाद जिला अस्पताल के लैब टेक्नालॉजिस्ट ने कोरोना सैंपल कलेक्ट किया।
दो बार वापस लौट गई 108
पुलिस कर्मचारियों के मुताबिक जब सांस चल रही थी ढाबा संचालक ने पहले 108 को कॉल किया था। 108 के कर्मचारी वहां पहुंचे भी, लेकिन वे यह कहकर लौट गए कि थकावट की वजह से हरिदास बीमार है। थोड़ी देर आराम करने के बाद वह लौट जाएगा। इसके बाद पुलिस ने 108 को दोबारा कॉल किया। तब 108 के कर्मचारियों का कहना है कि मामला संदिग्ध है वे शव को हाथ नहीं लगाएंगे।
गृह मंत्री का हवाला देने के बाद भी घंटो विलंब
स्वास्थ्य विभाग से किसी तरह की मदद नहीं मिलने से अंजोरा चौकी प्रभारी देवशरण सिंह ने शव की निगरानी कराने दो कर्मचारियों को तैनात किया। आधी रात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। इसके बाद भी किसी तरह से मदद नहीं मिली। चौकी प्रभारी ने गृहमंत्री के बंगला से फोन कराया। इस फोन के लगभग 4 घंटे बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को मॉरच्युरी पहुंचाया।