सायबर सेल की सक्रियता से ऑनलाइन ठगी के लाखों रुपये मिले वापस
रायगढ़। एसपी संतोष सिंह की पहल पर ठगी का शिकार हुए रिटायर्ड एएसआई के बैंक खाते में 4.69 लाख रूपए पेमेंट गेट वे PayTM से वापस कर दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले साल माह सितम्बर 2020 को रिटायर्ड एएसआई फकीर चंद सिदार को अज्ञात कॉलर से पेंशन के संबंध में जानकारी देने का झांसा देकर उनसे ए.टी.एम. कार्ड का नम्बर पूछकर 2 और 3 सितंबर 20 को 6 लाख 44 हजार रूपए और उनकी पत्नी के खाते से 3,78,000 का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया गया था। पत्नी का बैंक खाता ज्वाइंट एकाउंट था।
इस प्रकार एएसआई फकीरचंद सिदार से कुल 10,22,000 की ऑनलाइन ठगी हुई थी। घटना के संबंध में थाना पुसौर में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया गया था। पुसौर पुलिस और सायबर सेल संदिग्धों के मोबाइल कॉल रिकॉर्डध् सीडीआर, एनालिसिस कर झारखंड से संदेही खिरोधर महतो उर्फ मिथुन पिता महरु महतो उम्र 22 वर्ष, श्रवण कर्मकार पिता झगरू कर्मकार 28 वर्ष और अपचारी बालक सभी निवासी ग्राम ठाकुरचक थाना निनियाघट जिला गिरिडीह झारखंड को पूछताछ कर रायगढ़ लाया गया। आरोपियों से प्रात कबूल कर इनके गिरोह का मुखिया आरोपी लक्ष्मण मंडल को बताया, जो गिरफ्तारी के भय से लगातार लुकछिप रहा है। पुसौर पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का चालान न्यायालय प्रस्तुत किया जा चुका है।
अपराध कायमी के बाद से पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने सायबर सेल को अज्ञात आरोपियों से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में जितने पेमेंट गेट-वे का उपयोग कर रूपए प्राप्त किये हैं, उन्हें होल्ड कराने और फाल्स ट्रांजेक्शन होने का लेटर सभी गेट-वे को लिखकर रूपए वापस करने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया गया।
सायबर सेल से पुलिस अधीक्षक ने बैंक व पेमेंट गेट को लेटर ई-मेल किया गया। पेमेंट गेट-वे PayTM से एफआईआर व पुलिस जांच के आवश्यक दस्तावेजों की मांग की गई। जिसे सायबर सेल ने उपलबध कराया, अपनी पूरी जांच के बाद PayTM गेट-वे से भी ट्रांजेक्शन को फाल्स पाए और फरवरी 2021 को पीड़ित एएसआई के खाते में उस गेट-वे से ट्रांजेक्शन हुए 4,69,000 रूपए वापस कर दिया गया है। अन्य गेट-वे अपनी जांच प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। रिटायर्ड एएसआई फकीरचंद सिदार ने बताया कि उनको खाते में रूपए आने का मैसेज नहीं आया था तो जानकारी नहीं हुई। अप्रैल माह में जानकारी होने पर सायबर सेल जाकर पता किया। फकीरचंद सिदार ने यह भी बताया कि पुलिस अधीक्षक से उन्हें बैंक लोकपाल में शिकायत करने की सलाह दिये थे। जिस पर वे वकील के माध्यम से बैंक लोकपाल, रायपुर व उपभोक्ता फोरम रायगढ़ में शिकायत किए हैं, जहां जांच प्रक्रियाधीन है।