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मादा भालू ने छोड़ा दो शावकों का साथ, ग्रामीण कर रहे शावकों की देखभाल, दे रहे मानवता की मिसाल

मादा भालू ने छोड़ा दो शावकों का साथ, ग्रामीण कर रहे शावकों की देखभाल, दे रहे मानवता की मिसाल
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सरगुजा | जिले का उदयपुर क्षेत्र जंगल व जंगली जानवरों से आबाद है। इस क्षेत्र में हाथियों के साथ भालुओं की संख्या भी अच्छी खासी है। ऐसे में ग्रामीणों का सामना भालुओं या हाथियों के साथ होता रहता है। जिसके परिणाम हमेशा सुखद नहीं होते। आए दिन ग्रामीण इन जंगली जानवरों के हमले के शिकार भी होते रहते है।

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भालू के नाम से वैसे ही लोग खौफ खाते है, लेकिन खरसुरा के गामीणों के साथ एक भालू के रिश्ते ने मानवता की मिसाल पेश की है। जन्म के बाद अपने बच्चों को बस्ती किनारे छोड़ गई मादा भालू के दो शावकों का ग्रामीण वन विभाग की निगरानी में पूरा ख्याल रख रहे हैं। ग्रामीण शावकों को बोतल से दूध पिला रहे हैं और बड़े जतन से उनकी देखभाल कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उदयपुर विकासखंड से लगे ग्राम खरसुरा में 16 दिसम्बर को एक मादा भालू ने खेत में दो शावकों को जन्म दिया था। शावकों को जन्म देने के बाद मादा भालू जंगल में चली गई थी। बस्ती किनारे भालू के शावक को जन्म देने से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल था। भालू के शावक तीन दिनों तक वन विभाग की निगरानी में बस्ती किनारे ही रह रहे थे।

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इस बीच 19 दिसम्बर को मादा भालू अपने शावकों को लेकर जंगल में चली गई थी, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन अब फिर से मादा भालू दोनों शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर चली गई है। सुबह जब ग्रामीणों की नजर शावकों पर पड़ी, तो गांव में हड़कंप मच गया और बड़ी संख्या में लोग उन्हें देखने के लिए पहुंच गए।
वन विभाग का कहना है कि मादा भालू अपने शावकों को बस्ती किनारे छोड़कर जंगल में भोजन की तलाश में चली जाती है और रात को वापस बस्ती किनारे आती है। शावकों की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे थे। वन विभाग की निगरानी में ग्रामीणों ने भालू के शावकों को दूध पिलाया। शावक काफी छोटे और कमजोर हैं। इसके कारण ग्रामीण ही उनकी देखभाल कर रहे हैं।
मादा भालू अपने शावकों को लेकर काफी संवेदनशील होती है। जिस तरह ग्रामीण शावक के नजदीक जा रहे हैं, उससे उन्हें खतरा भी बना हुआ है। यदि ग्रामीणों की मौजूदगी के समय मादा भालू अपने शावकों के पास लौटी, तो निश्चित रूप से वह ग्रामीणों पर हमला कर सकती है। हालांकि वन विभाग भी लोगों को भालू के शावकों से दूर रहने और उनसे ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दे रहा है।



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