हाईकोर्ट में सुनवाई: राज्य सरकार कोविड वैक्सीन बर्बाद न करें, दूसरी श्रेणी में शिफ्ट करें, जिनका ऐप में रजिस्ट्रेशन हो रहा है उनका टीकाकरण सुनिश्चित करें
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वैक्सीन की बर्बादी रोकने के लिए अगर किसी एक श्रेणी में टीके बच जाते हैं तो उसे दूसरी श्रेणी में स्थानांतरित किया जाये। राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि ऐसा किया जा रहा है। कोर्ट ने दो दिन के भीतर इस पर शपथ-पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश सरकार को दिया है।
हाईकोर्ट में कोविड-19 आपदा और उससे जुड़े मुद्दों पर एक स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। आज अवकाशकालीन युगल पीठ में जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू ने इस सम्बन्ध में दायर अन्य याचिकाओं के साथ वर्चुअल सुनवाई की। पूर्व विधायक अमित जोगी सहित अन्य ने एक मई से प्रारंभ 18 से 44 वर्ष के लोगों के टीकाकरण पर सरकार की आरक्षण नीति, जिसमें अंत्योदय श्रेणी को पहले टीका लगाने की बात थी, को गलत बताते हुए याचिका दायर की थी। इस पर पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार सभी वर्गों को समान रूप से टीका लगे यह सुनिश्चित करे। इसके बाद राज्य शासन ने टीकाकरण पर रोक लगा दी थी लेकिन अगली हुई सुनवाई में कोर्ट ने तत्काल टीकाकरण शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद बीपीएल, कोरोना वारियर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स, बीपीएल तथा अंत्योदय श्रेणी के लिये टीकाकरण अलग-अलग प्रतिशत आधार पर शुरू कर दिया गया था।
आज की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से 9 पेज का जवाब प्रस्तुत किया गया। इसमें याचिकाकर्ताओं की ओर से पलाश तिवारी द्वारा बताया गया कि टीकाकरण केंद्रों में लंबी लंबी लाइन लग रही है। लोग घंटों खड़े रहते हैं और उन्हें लौटाया जा रहा है। कोविन ऐप में लोगों को तारीख मिल रही है लेकिन सीजी टीका ऐप में ऐसा नहीं हो रहा है। अधिवक्ता अनुमय श्रीवास्तव की ओर से कहा गया कि अंत्योदय श्रेणी में बहुत से टीके बच रहे हैं। उनको अन्य वर्ग में शिफ्ट किया जाए। एक ओर टीका बर्बाद हो रहा है तो दूसरी ओर लोगों को टीकाकरण से वंचित किया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि टीके बर्बाद नहीं हो रहे हैं, उसे अन्य वर्गों में आवश्यकतानुसार शिफ्ट किया जा रहा है। राज्य सरकार से इस जवाब को कोर्ट ने शपथ पत्र के साथ मांगा है। साथ ही यह सुनिश्चित करने कहा है कि टीकाकरण के ऐप में रजिस्ट्रेशन के अनुसार टीकाकरण सुनिश्चित किया जाये। प्रकरण पर अगली सुनवाई 19 मई को होगी।