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विभाग में हुई गड़बड़ी के खिलाफ अफसर घर पर अनशन में बैठे, सीएम विवाह योजना व रेडी-टू-ईट में 30 लाख की गड़बड़ी का आरोप

 विभाग में हुई गड़बड़ी के खिलाफ अफसर घर पर अनशन में बैठे, सीएम विवाह योजना व रेडी-टू-ईट में 30 लाख की गड़बड़ी का आरोप
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महासमुंद। महिला बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना और रेडी-टू-ईट योजना में करीब 30 लाख रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से महिला बाल विकास अधिकारी सुधाकर बोदले ने आज से घर पर ही अनशन शुुरु कर दिया है।

अनिश्चितकालीन के लिए अनशन पर बैठे अधिकारी ने बताया कि मामले में जांच प्रतिवेदन जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होने अनशन करने का फैसला लिया। इसके लिए जिला प्रशासन से स्थल और अनशन की अनुमति के लिए पत्र लिखकर मांग की लेकिन प्रशासन से जब जवाब नहीं मिला तो वे घर पर ही अनशन पर बैठ गए।

खरीदी की गई सामग्री व रेडी-टृू-ईट को अनशन स्थल पर रखा
सुधाकर बोदले ने अनशन स्थल पर विभाग द्वारा मुख्यमंत्री विवाह कन्या दान योजना अंतर्गत हितग्राहियों के लिए उनके कार्यकाल में खरीदी की गई सामग्री के साथ पिछले दो वर्ष से खरीदी की जा रही सामग्री को अनशन स्थल में गुणवत्ता दिखाने के लिए रखा है। इसके अलावा जांच के दौरान हितग्राहियों को वितरण किए गए रेडी टू ईट को भी उन्होंने रखा है। उन्होने बताया कि विवाह योजना के लिए जो सामान खरीदे गए हैं उसकी कीमत 12 हजार रुपए बताई गई है। जबकि बाजार में उक्त सामग्री की कीमत करीब 7 हजार रुपए है। जिसका मूल्यांकन उन्होंने स्वयं जांच के दौरान किया है। उन्होंने बताया कि कन्यादान योजना में 20 लाख रुपए की गड़बड़ी जांच में सामने आई है।

15 सेक्टरों में वितरित रेडी-टू-ईट में 11 में गुणवत्ता विहीन
उन्होने महासमुुंद ब्लॉक के 15 सेक्टरों में हितग्राहियों को वितरित किए गए रेडी-टू-ईट में 11 सेक्टरों में रेडी-टू-ईट गुणवत्ताविहीन होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रेडी टू ईट में जिस तरह की सामग्री की गुणवत्ता होनी चाहिए वह नहीं है। सोया, चना की जगह गेहूं की मात्रा अधिक है। हितग्राहियों से गुणवत्ता वाले और गुणवत्ताविहीन सामग्री का स्वाद चखाकर परीक्षण किया गया। रेडी टू ईट में करीब 10 लाख रुपए की गड़बड़ी जांच में पाई गई हैै।

जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं
मामले में जांच कर प्रतिवेदन जिला प्रशासन और उच्चाधिकारियों को सौंपने के बाद भी मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। जिसकी वजह से उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा है। आज अवकाश है इसलिए पूरे दिन और कार्यालयीन दिनों में वे कार्य सम्पन्न करने से पूर्व सुबह 8 से 10 व शाम को 5 से 8 बजे तक प्रतिदिन घर पर ही अनशन करेंगे।

वर्जन
सुधाकर बोदले द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार है। स्वयं के द्वारा जांच कर कार्य को प्रभावित करना है। पूर्व में भी जांच कर शिकायत की गई थी जिसके बाद हुई जांच में सब सही पाया गया था। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहना चाहता।


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