बर्ड फ्लू की दहशत: मांग कम होने से सस्ता हुआ चिकन, अंडों की खपत भी हुई कम
जगदलपुर। पोल्ट्री फार्म मालिक और चिकन कारोबारियों का दावा है कि अब तक चिकन में बर्ड फ्लू की तस्दीक नहीं हुई है, बावजूद इसके ग्राहकों में खौफ के चलते ही बाजार में चिकन की मांग कम होने के साथ ही सस्ता हो गया है। बीते 02 दिनों में ही चिकन के दाम में प्रति किलो 20-30 रुपये तक कम हो गए हैं। होटलों को होने वाली चिकन की सप्लाई पर भी फर्क पड़ा है।
चिकन कारोबारी सुरेंद्र ने बताया कि अभी तक बस्तर में किसी पक्षी के मरने या किसी भी पोल्ट्री में बर्डफ्लू से बीमार मुर्गी के मिलने की बात सामने नहीं आई है, लेकिन दूसरे राज्यों और छत्तीसगढ़ के दूसरे जिले में पक्षियों के मरने और मीडिया में बर्ड फ्लू की खबरों के चलते चिकन खाने वालों में खौफ पैदा हो गया है।
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यही वजह है कि देखते ही देखते दो दिन में चिकन की डिमांड कम हो गई है। नगर समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में संजय बाजार से चिकन सप्लाई होता है। यहां से रोजाना बड़ी संख्या में मुर्गे सप्लाई होती हैं, लेकिन अब यह नंबर घटने लगा है।
अंडे पर भी बर्ड फ्लू की मार देखने को मिल रहा है, बस्तर में एक शासकीय और दर्जनभर निजी पोल्ट्री फार्म है। कारोबारियों के मुताबिक बस्तर में रोजाना 60-70 हजार अंडों की खपत होती है, जो पिछले दो दिन में घटकर कम हो गई हैं।
संजय बाजार के चिकन कारोबारी हरि ने बताया कि पिछले दो दिनों से लोग चिकन खरीदने से परहेज कर रहे हैं, 05-06 जनवरी तक थोक बाजार में जिंदा मुर्गे की कीमत 120-130 रुपये प्रतिकिलो थी, लेकिन अब 100-110 रुपये प्रतिकिलो हो गई है। फुटकर बाजार में 160 रुपये प्रतिकिलो से घटकर 140 रुपये प्रतिकिलो हो गया है।