CG Corona Update : प्रदेश में आज मिले इतने कोरोना मरीज, एक्टिव मरीजों की संख्या 7, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की बुलेटिन    |    Corona Returns in CG : न्यायधानी में महिला की मौत के बाद फिर इतने लोगो की कोरोना रिपोर्ट आई पॉजिटिव, मचा हड़कंप    |    छत्तीसगढ़ में कोरोना से महिला की मौत, बेटा भी मिला संक्रमित    |    सावधान! फिर बढ़ने लगा कोरोना, लगातार कोविड केस में हो रहा इजाफा, एक दिन में आए इतने मामले    |    BREAKING NEWS : भारत में फिर बढ़ने लगा कोरोना, 24 घंटे में मिले इतने से अधिक मामले    |    CG Corona Update : बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, राजधानी में 6 नए कोरोना मरीज सक्रिय, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप    |    राहत की खबर : 24 घंटे में सामने आए 200 से भी कम कोरोना केस, एक्टिव मामलों में भी आई गिरावट!    |    Corona Breaking : छग में BF.7 वैरिएंट ने दी दस्तक, मिले 2 मरीज, अलर्ट मोड में स्वास्थ विभाग    |    Corona Breaking : सरकार का बड़ा फैसला, चीन सहित इन 6 देशों से आने वाले यात्री होंगे क्वारंटीन, नई गाइडलाइन जारी…    |    Big Breaking : पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का निधन, 100 साल की उम्र में ली अंतिम सांस    |

चाणक्य नीति: इस एक चीज को दान करने वाला व्यक्ति कभी नहीं होता गरीब, आचार्य चाणक्य ने किया है बखान

चाणक्य नीति: इस एक चीज को दान करने वाला व्यक्ति कभी नहीं होता गरीब, आचार्य चाणक्य ने किया है बखान
Share

 Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र चाणक्य नीति में जीवन के कई अहम पहलूओं की चर्चा की है जिसमें उन्होंने व्यक्ति के सफल और खुशहाल जीवन के कुछ राज बताए हैं. चाणक्य नीति में बताई गई नीतियां दुनियाभर में प्रचलित हैं और इन पर चलकर कई लोगों ने जीवन में सफलता हासिल की है. चाणक्य नीति के एक श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दान करने से व्यक्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है. इसके अलावा चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में दान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया है. धार्मिक रूप से भू दान, कन्या दान, वस्त्र दान, अन्न दान और गौ दान को सर्वश्रेष्ठ दान माना गया है. लेकिन आचार्य चाणक्य ने इससे भी श्रेष्ठ किसी अन्य चीज का दान माना है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

नान्नोदकसमं दानं न तिथिर्द्वादशी समा ।
न गायत्र्याः परो मन्त्रो न मातुर्दैवतं परम् ।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक का अर्थ है कि अन्न और जल के दान के समान कोई कार्य नहीं, द्वादशी के समान कोई तिथि नहीं, गायत्री के समान कोई मंत्र नहीं और मां से बढ़कर कोई देवता नहीं. आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दान करने से सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए व्यक्ति को सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए. इसके साथ सभी तिथियों में द्वादशी प्रधान है और मंत्रों में गायत्री मंत्र का सबसे अधिक महत्व है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह माना जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से मन-मस्तिष्क की शुद्धि होती है. चाणक्य नीति में सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा दी गई है कि सभी देवी-देवताओं में मां से बढ़कर और कोई भगवान नहीं. इसलिए उनका आदर सदैव करना चाहिए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करनी चाहिए.

विद्या दान महाकल्याण

चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में विघा दान, भू दान, कन्या दान, वस्त्र दान, अन्न दान और गो दान को सर्वोत्तम दान की श्रेंणी में रखा है. चाणक्य कहते हैं कि विद्या का दान सबसे श्रेष्ठ है, क्योंकि यह कभी खत्म नहीं होता इससे व्यक्ति का मानसिक विकास होता है.

जरूरतमंद व्यक्ति को ही करें दान

चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से अपने नीतिशास्त्र में कहते हैं कि दान हमेशा जरूरतमंद व्यक्ति को देना चाहिए, जो इसका महत्व समझता हो। भूखे व्यक्ति को भोजन कराएं ना कि जिसका पेट भरा हुआ है. क्योंकि जिसका पेट भरा हुआ है वह भोजन के महत्व को नहीं समझेगा.

 

Share

Leave a Reply