छत्तीसगढ़ विधानसभा : कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पर जानलेवा हमला के मामले पर विपक्ष का हंगामा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भाजपा सदस्यों ने सत्ता दल के कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पर हुए हमला और इस हमले के लिए कांग्रेस विधायक द्वारा मंत्री पर लगाए गए आरोप का मामला जोर-शोर से उठाया। इस मामले में विपक्ष ने सदन की समिति से जांच कराये जाने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई, हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है और उसे निभाया भी जायेगा।
विधानसभा में आज भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अखबारों में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह पर हमला और इस हमले के लिए कांग्रेस विधायक द्वारा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर उनकी हत्या कराने का लगाये गये आरोप की छपि खबरों का हवाला देते हुए यह मामला उठाते हुए कहा कि देश के इतिहास में ये पहली घटना है, जिसमें सत्ता पक्ष के एक विधायक ने मंत्री पर आरोप लगा रहा है कि मंत्री उसकी हत्या करा सकते हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है इसलिए सबसे पहले इस विषय पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हमारी जानकारी में ये पहली घटना है। ये सिर्फ कांग्रेस के लिए बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा कि हम आसंदी से मांग करते है कि इस मामले की सदन की कमेटी से जांच की जाए।
भाजपा के अन्य विधायकों ने भी इस मामले में विधायक बृहस्पत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा सदन में बातें रखने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि अखबारों की कतरनों को लेकर विपक्ष ने अपनी बातें सदन में रख दी है, पर सदन में अखबारों के कतरनो पर चर्चा नहीं कराई जाती है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करते हुए इस मामले की जांच सदन की कमेटी से कराये जाने की मांग करने लगे। सदन में शोर-शराब के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। पुन: कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने फिर इस मुद्दे पर अपनी मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सभी सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा सरकार का है और सरकार सभी सदस्यों की सुरक्षा का ध्यान रख रही है, जो चूक हुई है उस पर समीक्षा की जाएगी और पुख्ता व्यवस्था भी की जायेगी।
मुख्यमंत्री की बात सुनने के बाद आसंदी ने गृहमंत्री को अपनी बात सदन में रखने के लिए कहा, जिसके बाद जैसे ही गृहमंत्री अपनी बात सदन में रखना शुरू किए विपक्षी सदस्यों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया और उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया। शोर-शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पुन: अपरान्ह 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।