मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा वनोपजों के कारोबार से जुडे़ंगी 50 हजार महिलाएं
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में इसके साथ ही हमने लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले सिर्फ 7 वनोपजों की खरीदी करते थे, जबकि अब हमारी सरकार द्वारा 15 वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके अलावा 3 लघु वनोपजों, रंगीनी लाख पर 20 रूपए किलो, कुल्लू गोंद पर 20 रूपए किलो तथा कुसमी लाख पर 22 रूपए किलो अतिरिक्त बोनस देने का इंतजाम भी किया गया है। यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदेश में वनोपज का कारोबार लगभग 18 सौ करोड़ रूपए का होता है, जिसमें हमारे आदिवासी समाज को समुचित भागीदारी नहीं मिली थी। अब हमारी सरकार ने ऐसे नये रास्ते तलाशे हैं, जिससे आप सभी लोगों की आय बढ़ सकेगी। हम आदिवासी समाज में मातृ-शक्ति को और सशक्त बनाना चाहते हैं, इस दिशा में एक नया कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि वनोपजों के कारोबार से महिला समूहों की 50 हजार से अधिक सदस्याओं को जोड़ा जाएगा। परंपरागत वैद्यकीय ज्ञान भी छत्तीसगढ़ के वनांचलों की विशेषता है। इस कौशल को लम्बे अरसे में न तो मान्यता मिली और न सुविधा, जबकि जड़ी-बूटियों के औषधीय गुणों को लेकर कोई संदेह नही है। हमने परंपरागत वैद्यों के कौशल और ज्ञान को सहेजने तथा इसे उपयोग में लाने के लिए 1200 परंपरागत वैद्यों का एक सम्मेलन आयोजित किया। अब इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।