चिराग पासवान पिता के बंगले को खाली करने के मूड में नहीं
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी में जारी घमासान के बीच पिता रामविलास पासवान के दिल्ली स्थित 12 जनपद वाले बंगले को चिराग पासवान खाली करने के मूड में नहीं हैं। चिराग पासवान ने इस बंगले में पिता रामविलास पासवान की मूर्ति उनके नाम का बोर्ड भी लगावा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने चिराग को वह बंगला छोडऩे के लिए कहा था, लेकिन चिराग ने पिता की बरसी तक उस बंगले में रहने की इजाजत मांगी थी।
स्वर्गीय राम विलास पासवान के नाम पर आवंटित यह बांग्ला अब केंद्रीय आईटी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है। यह बंगला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बंगले के बिल्कुल बगल में है। रामविलास पासवान ने 12 जनपद में ही करीब तीन दशक अपने परिवार के साथ बिताए थे। इस बंगले में जो प्रतिमा लगाई गई है उसमें पासवान की छाती तक का हिस्सा दर्शाया गया है। मूर्ति में नीले रंग का प्रयोग किया गया है और चेहरे पर मुस्कान को दिखाया गया है। चिराग पासवान को 23 नॉर्थ एवेन्यू आवंटित होने के बाद भी वह अपने पिता के साथ 12 जनपद में ही रहते थे। पिता की मृत्यु के बाद शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने पासवान परिवार को बंगला खाली करने से जुड़े नोटिस भेजा था। दूसरी ओर चिराग के करीबी सूत्रों का कहना है कि पासवान परिवार ने वहां रहने के लिए कुछ वक्त की मोहलत ले ली है।
सम्मान में लगाई मूर्ति
रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी की युवा विंग के अध्यक्ष यामिनी मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने के पीछे सियासत नहीं है। यह सिर्फ इसलिए लगाई गई है, जिससे उनके प्रति अपने सम्मान को प्रकट कर सकें। वह देश के दूसरे आंबेडकर माने जाते हैं।
रेल मंत्री वैष्णव को आवंटित हुआ था बंगला
पिछले दिनों यह बंगला रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित हो चुका है, लेकिन अभी तक बंगला खाली नहीं हुआ है। वहीं अब नए केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकार बंगले आवंटित होना शुरू हो गए हैं।